रुद्रपुर। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देउपा ने पांच साल पहले गूलरभोज में दो साल के मासूम की जमीन पर पटककर जान लेने वाले दोषसिद्ध ताऊ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। गूलरभोज निवासी मनीष सक्सेना ने पांच जुलाई 2020 को गदरपुर थाने में अपने बड़े भाई कमल सक्सेना के खिलाफ दो साल के बेटे उमंग की हत्या का केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि दो जुलाई की शाम वह अपनी दुकान पर थे। उनका दो साल का बेटा उमंग घर पर था। उनके बड़े भाई कमल ने उमंग को हाथों में उठाकर उसे जान से मारने की नियत से जमीन पर पटक दिया।
इसमें उनका बेटा अचेत हो गया। आननफानन उसे रुद्रपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और हालत गंभीर होने पर राममूर्ति हॉस्पिटल बरेली में भर्ती किया गया था, यहां उसकी मृत्यु हो गई थी। बच्चे के सिर के बाएं तरफ की हड्डी टूटी थी। उसके सिर के अंदर मस्तिष्क में खून के थक्के जमे थे। विवेचक ने अभियुक्त कमल के विरूद्ध अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट /चतुर्थ अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए थो।न्यायालय ने मामले को अनन्यतः सत्र परीक्षणीय पाते हुए सत्र न्यायालय को सुपुर्द कर दिया। इस मुकदमे की सुनवाई द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई थी। अदालत में साक्ष्य और गवाहों के आधार पर अभियुक्त कमल पर दोष सिद्ध हो गया। न्यायालय में दोषी को सजा सुनाई।