देहरादून। देशभर में करवाचौथ का त्योहार मनाया जा रहा है. करवा चौथ को त्योहार धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का पर्व है। करवा चौथ धार्मिक पूजा के साथ ही प्रकृति पूजा का संदेश भी देता है। करवाचौथ तप और आत्मसंयम का भी प्रतीक है। करवाचौथ प्यार प्रेम का पर्व हैं। इन स्पेशल कोट्स के जरिये आप आपने खास लोगों को करवाचौथ की बधाई दे सकते हैं।
करवाचौथ स्पेशल कोट्स
चमकता रहे चांद सा चेहरा, खिलती रहे होठों की लाली, यूं ही खुश रहों तुम, बनी रहे परिवार की खुशहाली।
मौसम है प्यार का, चाह है चांद की, दर्शनों से पूरी होगी हर आस, ऐसे बन जाएगा आपका करवाचौथ खास।
हाथों की खनखनाती चूड़ियां, माथे पर सजता सिंदूर, दमकता चेहरा, चांद का इंतजार, यूं ही ये दिन खास नहीं हो जाता।
हर सुहागन को खुशियों के साथ चांद का इंतजार, हिलोरे मार रही मन से जुड़ी मनोकामनाएं, जल्द हों ये सभी पूरी, ये ही हमारी शुभकामनायें।
नैनों में कजरा सजाये, कानों में झलकती बाली, सजी संवरी तुम लगती हो खास, चांद से पहले हो गये चांद के दीदार।
आए तो संग लाए खुशियां हजार, हर साल मनाएं करवा चौथ का ये त्योहार।
करवा चौथ का त्योहार, आपके जीवन में लाये खुशियां हजार, तुम रहो सलामत, यही दुआ है हमारी।
श्रद्धा के साथ विश्वास की सौगात, पति के साथ ही परिवार की मंगल कामना की रात, खास है ये एहसास।
साल भर की लड़ाई, तुम्हारी नाक का गुस्सा, सब धीरे धीरे पिघल जाएगा, ऐसे ही हौले हौले चांद भी निकल जाएगा।
व्रत रखने की विधि। सुहागिनें प्रातः काल अपने समस्त दैनिक कृत्यों से निवृत्त होकर अपने देवी-देवता की आराधना के पश्चात् अखण्ड सौभाग्य, यश-मान, प्रतिष्ठा, सुख-समृद्धि, खुशहाली एवं पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ के व्रत का संकल्प लेती हैं। यह व्रत निराहार व निराजल रहते हुए किया जाता है। सौभाग्यवती महिलाएं कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुख-समृद्धि व अखण्ड सौभाग्य के लिए व्रत-उपवास रखकर देवाधिदेव भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान श्रीगणेश एवं श्रीकार्तिकेय जी की पूजा- अर्चना करती हैं। करवा चौथ से सम्बन्धित वामनपुराण में वर्णित व्रत कथा का श्रवण करने का भी विधान है।