धामी सरकार खनन पर श्वेत पत्र जारी करे – सूर्यकांत धस्माना
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान से कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि – धस्माना
देहरादून: उत्तराखंड में खनन माफिया का बोलबाला है और प्रदेश की गरीब जनता इस माफिया राज में लूटी और पिटी जा रही है। भाजपा सरकार की नाक के नीचे ये अवैध गतिविधियां फल-फूल रही हैं। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मंगलवार को प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में ये गंभीर आरोप लगाए।
पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के लोकसभा में दिए गए बयान को आधार बनाते हुए धस्माना ने कहा कि कांग्रेस के आरोपों को खुद भाजपा के सांसद ने सच साबित कर दिया है। रावत ने अपने बयान में उत्तराखंड में अवैध खनन और उससे जुड़े डंपरों व अन्य भारी वाहनों की ओवरलोडिंग से हो रही दुर्घटनाओं का जिक्र किया, जिससे खनन माफिया के काले कारनामे उजागर हो गए।
धामी सरकार से श्वेत पत्र की मांग
धस्माना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की कि खनन माफिया के मुद्दे पर सरकार को तत्काल एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से अवैध खनन को लेकर आवाज उठाती आ रही है और अब रावत के बयान से यह प्रमाणित हो गया है कि राज्य में खनन माफिया का राज है।
बाहरी कंपनी को फायदा, जनता को नुकसान
उन्होंने आरोप लगाया कि एक बाहरी कंपनी को खनन के लिए रवन्ना जारी करने का अधिकार दिया गया है। यह कंपनी मनमाने ढंग से रॉयल्टी वसूल रही है, जिससे रेत, बजरी और पत्थर जैसे निर्माण सामग्री की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसके चलते आम जनता का घर बनाने का सपना टूटता जा रहा है।
ओवरलोडिंग और हादसे
धस्माना ने कहा कि बिना परमिट के गाड़ियों में अवैध लदान और ओवरलोडिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं। राज्य में आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के लिए यही खनन माफिया जिम्मेदार है।
कैग रिपोर्ट का हवाला
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की 2023-24 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अवैध खनन से राज्य को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में उन वाहनों का भी जिक्र है जिनमें अवैध खनन हुआ, जिनमें एम्बुलेंस, ई-रिक्शा और दोपहिया वाहन तक शामिल हैं।
अधिकारी का जवाब लोकसभा का अपमान
उन्होंने इस बात पर भी कड़ी आपत्ति जताई कि त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब मुख्यमंत्री या मंत्री देने के बजाय एक अधिकारी ने दिया। उन्होंने इसे लोकसभा की अवमानना बताया और कहा कि अधिकारी को इस तरह की प्रतिक्रिया देने का कोई अधिकार नहीं है।
भाजपा नेतृत्व को कार्रवाई करनी चाहिए
धस्माना ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मांग की कि वे त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी।