Monday, September 22, 2025
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मनसे ने दी धमकी मांस-मछली खाने वाले गंदे होते हैं मुंबई में मांसाहार पर रार

मुंबई की एक रिहायशी सोसाइटी में गुजराती और मराठी लोगों में शाकाहर बनाम मांसाहार के मुद्दे पर विवाद हो गया और अब इस विवाद में मनसे की भी एंट्री हो गई है। मनसे ने धमकी दी है कि जिसे मांसाहार से दिक्कत है, उसे महाराष्ट्र में नहीं रहना चाहिए। पुलिस ने मामले में दखल दी है और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला मुंबई के घाटकोपर इलाके का है। जहां संभव दर्शन को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी है। इस सोसाइटी में मराठी के साथ-साथ कई गुजराती परिवार भी रहते हैं। एक रहवासी ने दावा किया है कि उसके पड़ोसियों ने उसके मांस-मछली खाने पर आपत्ति जताई है। सोसाइटी में रहने वाले राम रिंगे ने दावा किया है कि उसके पड़ोसियों ने कथित तौर पर कहा कि ‘मराठी लोग गंदे होते हैं क्योंकि ये मांस-मछली खाते हैं।’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस विवाद के बाद राम रिंगे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से संपर्क किया और उसके साथ हो रहे कथित भेदभाव की जानकारी दी। बुधवार रात को मनसे के कार्यकर्ता सोसाइटी पहुंच गए और वहां हंगामा कर दिया। इस दौरान मनसे कार्यकर्ताओं ने सोसाइटी में रह रहे गुजराती लोगों को धमकाया और कहा कि अगर उन्होंने मराठी लोगों से बदतमीजी की तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मनसे कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ‘उन्हें लगता है कि मराठी गंदे होते हैं। इसका मतलब है कि महाराष्ट्र भी गंदा है तो फिर वे इस गंदी जगह क्यों आए?’ इसके बाद मनसे समर्थक ने धमकी दी कि अगर उन्होंने मराठी लोगों से बदतमीजी जारी रखी तो उनका सोसाइटी से बाहर निकलना मुश्किल कर देंगे।

राजनीतिक बयानबाजी शुरू
सोशल मीडिया पर घटना के वायरल होने के बाद पुलिस को भी इसकी सूचना मिली। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कहा है कि वे घटना की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि गुजराती मुंबई में लगातार मराठी लोगों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘सीएम खुद मांस मछली खाते हैं, लेकिन जिस नीति का सरकार का पालन कर रही है, उसके जरिए मुंबई में गुजराती और मराठियों के बीच बंटवारा करने की कोशिश हो रही है। अब मराठी लोगों को सवाल करना चाहिए कि महाराष्ट्र में मराठी सरकार है या नहीं?’

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