Thursday, November 20, 2025
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मॉडल दिखा रहे बाल विज्ञानियों की बड़ी सोच

हल्द्वानी। खालसा नेशनल बालिका इंटर कॉलेज में बुधवार से तीन दिवसीय विज्ञान महोत्सव शुरू हुआ। अलग-अलग स्कूलों के विद्यीर्थियों ने मॉडल प्रस्तुत कर प्रतिभा का परिचय दिया। खासकर ऊर्जा आवश्यकता के इस दौर में वैकल्पिक ऊर्जा के मॉडलों ने बाल विज्ञानिकों की बड़ी सोच के यहां दर्शन कराए। पल्तापानी बैलपड़ाव के आशा निकेतन स्कूल के नौंवी के छात्र रितेश कुमार और 12वीं के छात्र हेमंत सैनी ने स्मार्ट सिटी के अंदर स्मार्ट पार्किंग, ऑटोमैटिक सोलर, वायरलेस कार चार्जर और ऑटोमैटिक स्ट्रीट लाइट जैसे विकल्प देकर भविष्य में विज्ञान के जरिए जीवन और आसान बनाने का अभिनव प्रयोग दिखाया। पिथौरागढ़ के जीआईसी गखा के छात्र सुजल ऐरी ने ग्रीन एनर्जी सोर्स पर मॉडल प्रस्तुत किया। बताया कि सड़क के नीचे फीजियो इलेिक्ट्रक बिछाए जाएं तो ऊपर वाहनों के दबाव से ऊर्जा उत्पन्न होगी। इससे पहले खालसा स्कूल की बालिकाओं ने सुंदर लोकनृत्य नृत्य प्रस्तुत किया।

प्रतियोगिता में जूनियर स्तर पर कक्षा 6 से 8, सीनियर स्तर पर 9 से 12 स्तर के प्रोजेक्ट, मॉडल प्रस्तुत किए गए। विज्ञान ड्रामा के अंतर्गत चमोली, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर और देहरादून के विद्यार्थियों ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल, मुख्य संयोजक मुख्य शिक्षा अधिकारी गोविंद राम जायसवाल नैनीताल ने बताया कि प्रथम, द्वितीय स्थान पर आने वाले बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय स्तर पर एक और दो दिसंबर को नई दिल्ली में प्रतिभाग करेंगे। जिला विज्ञान समन्वय डॉ दिनेश जोशी ने बताया कि प्रतियोगिता 20 और 21 को विज्ञान ड्रामा और विज्ञान क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। द्वितीय सत्र का शुभारंभ हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने किया।

हैकिंग : 10वीं के छात्र निर्मल का शोध देश में दूसरे स्थान पर
हल्द्वानी। क्वांटम फिजिक्स के दौर में टिहरी गढ़वाल के जखंड जीआईसी के दसवीं के छात्र निर्मल पंवार के शोध ने जो रास्ता इजाद किया है, वह आगे चलकर साइबर की दुनिया में हैकिंग रोकने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। निर्मल ने बीती 30 अक्तूबर को बंगलुरू में आयोजित नेशनल साइंस सर्विस प्रतियोगिता में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। निर्मल की गाइड अध्यापिका गीता चौहान ने बताया कि क्वांटम युग: संभावना एवं चुनौतियां विषय को लेकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी निर्मल ने बड़ी मेहनत, लगन से की। निर्मल ने बताया कि उन्होंने अपने शोध में यह निष्कर्ष निकाला कि क्वांटम थ्योरी को आम जनजीवन में कैसे प्रयोग में ला सकते हैं। मसलन यदि कोई लॉक किसी कोड के जरिए बंद है और कोई हैकर उसमें चोरी से घुसने का प्रयास करता है, तो लॉक कोड खुलने से पहले अपने आप ही बदल जाएगा। इसकी जानकारी ऑटोमैटिक लॉक लगाने वाले को हो जाएगी। इस पद्धति से आने वाले वक्त में हैकिंग के मकड़जाल का सफाया हो जाएगा। निर्मल के पिता महिपाल सिंह पंवार टिहरी में टैक्सी चलाते हैं और मां अनीता गृहणी हैं।

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