एशियन कैडेट कप में भारत सहित 17 देशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। बातचीत में भाषा की बाधा आने के बावजूद इन खिलाड़ियों के इरादे मजबूत हैं। वह हर हाल में फेंसिंग में बेहतरीन प्रदर्शन कर देश के लिए स्वर्ण पदक से कम में समझौता नहीं करना चाहते हैं। इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं मंगोलिया के तेमुले त्योगतखु। 16 वर्षीय तेमुले त्योगतखु के अनुसार मां की इच्छा थी कि वह तलवारबाजी में महारत हासिल कर देश का गौरव बढ़ाएं। इसके लिए उन्होंने महज छह साल की उम्र में फेंसिंग के गुर सीखने शुरू किए। यह उनका चौथा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है। इससे पहले वह थाईलैंड और मलयेशिया में भी इंटरनेशनल मुकाबलों मे भाग ले चुके हैं। उनकी झोली में अब तक अंतरराष्ट्रीय पदक नहीं गिरा है। पहले मेडल का सपना लिए भारत पहुंचे तेमुले जीत के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। अंग्रेजी का अधिक ज्ञान नहीं होने के कारण उन्हें यहां लोगों से बातचीत करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में वह गूगल ट्रांसलेटर और अपने टीम के खिलाड़ियों के सहयोग से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे ओलंपिक खेलों के लिए तैयारी कर रहे हैं।
चिकन करी का स्वाद भा गया
कक्षा 11 के छात्र तेमुले ने कहा कि उत्तराखंड में उन्हें काफी अच्छा लग रहा है। यहां होटल में उन्होंने पहली बार चिकन करी का स्वाद लिया जो उन्हें काफी पसंद आया। शनिवार को वह एपी इवेंट के मुकाबले में हिस्सा लेंगे।