नैनीताल शहर के मल्लीताल में हुई हृदय विदारक घटना ने हर किसी को झकझोंर दिया है। सोचकर ही मन सिहर उठता है कि एक वृद्धा आग की लपटों और धुएं के गुबार में घुटकर कैसे तड़पी होगी। चंद मिनटों में धुएं के गुबार में मां की आवाज गुम हो गई। अब बस बचे हैं तो मां के आखिरी शब्द, निक्कू मुझे बचा लो जो बेटे के कानों में अब भी गूंज रहे हैं। पर अब रह गई तो मां की यादें।ओल्ड लंदन हाउस की बिल्डिंग में निखिल उर्फ निक्कू अपनी मां शांता बिष्ट के साथ रहते थे। निखिल छह वर्ष पूर्व तक मुंबई में प्रोडक्शन डिजाइनर रजद पोद्दार के सानिध्य में रहकर कार्य कर रहे थे। उन्होंने बर्फी, गुंडे, कॉमेडी सिरीज मिसेज तेंदुलकर में असिस्टेंट डायरेक्टर कार्य किया। कई टीवी सीरियल में भी डायरेक्शन का कार्य कर चुके हैं। छह वर्ष पूर्व बड़ी मां और मां की सेवा के लिए वह मुंबई की जॉब छोड़कर घर आ गए। नैनीताल आने के बाद भी उन्हें कई ऑफर मिले लेकिन परिवार की सेवा के लिए उन्होंने ठुकरा दिए। कोविड के दौरान उनकी बड़ी मां का निधन हो गया। निखिल ने मां शांता बिष्ट की सेवा में ही जीवन समर्पित कर दिया। छह साल तक वह दिन-रात मां की देखभाल में जुटे रहते थे।
दिन में गणपति महोत्सव में ले गए थे मां को
निखिल बुधवार को नियमित दिनचर्या के तहत मां शांता को घुमाने शहर में ले गए थे। नैनीताल में चल रहे गणपति महोत्सव में मां की तस्वीर भी थी। रात्रि में घटना के ठीक दस मिनट पहले दोस्त का फोन आने पर निखिल बात करते हुए घर से कुछ दूर चले गए। पड़ोसियों ने सूचना दी कि तुम्हारे घर से धुएं का गुबार उठ रहा है। यह सुनकर वह दौड़कर आवास की ओर पहुंचे लेकिन भवन की दोनों मंजिलों से धुआं निकल रहा था। कमरे के ऊपरी हिस्से में मां रहतीं थी। बताते हैं कि वहां पहुंचते ही मां की आवाज सुनी निक्कू मुझे बचाओ.. लेकिन उन तक पहुंचने से पहले वह आग की लपटों में घिर चुकी थीं।
घटना के बाद से बेसुध है निखिल
मां को बचाने की कोशिश के बीच धुएं के गुबार के बीच निखिल हाय मां कहकर बेसुध हो गए। फिर निखिल को आसपास के लोगों ने किसी तरह सुरक्षित निकाला। निखिल अब मामा प्रो.अजय रावत और मामी सुषमा के साथ राजविहार फेस टू हल्द्वानी में हैं। मामी सुषमा का कहना है कि वह सदमें में है। कह रहा है कि जिनके लिए सब छोड़कर घर यहां आया था, उनमें कोई नहीं रहा। अब न मां रही, न घर और न ही कारोबार। बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम के बाद भी शांता के शव को अंत्येष्टि के लिए आवास के पास लाने के बाद रानीबाग ले जाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शिक्षा को समर्पित रहा शांता बिष्ट का परिवार
नैनीताल नगर के ऐतिहासिक भवन ओल्ड लंदन हाउस में हुए हादसे में शिक्षिका शांता बिष्ट के निधन ने पूरे नैनीताल को सदमे में डाल दिया। शिक्षा को जीवन का आधार मानने वाले परिवार की इस कर्मठ महिला का यूं अचानक चले जाना शहर के लिए अपूरणीय क्षति है। शांता का पूरा परिवार शिक्षा को समर्पित रहा, उनकी माता को शिक्षण के क्षेत्र में प्रथम राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। वे यहां जीजीआईसी में हिंदी की अध्यापिका थीं। शांता के पिता पंडित ध्यान सिंह रावत मल्लीताल में मिडिल स्कूल में प्रधानाचार्य रहे। शांता स्वयं यहां पालिका नर्सरी स्कूल में अध्यापिका रहीं और उनकी बहन स्वर्णलता रावत ‘सुवा’ मोहन लाल साह बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य रहीं। शांता के भाई प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत कुमाऊं विश्वाविद्यालय में इतिहास विभाग के विभागध्यक्ष रहे। शांता की एक बहन पुष्पा भी शिक्षा से ही जुड़ी थीं वे डिप्टी इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स रहीं।
बहन ने ओल्ड लंदन हाउस भवन खरीदा था
शांता की बहन स्वर्णलता ने ओल्ड लंदन हाउस खरीदा था। वे अविवाहित रहीं और भवन को वसीयत में शांता और निखिल को दे गई थीं। शांता इसी में स्वर्णलता और पुत्र निखिल के साथ रहती थीं। स्वर्णलता का निधन भी 2020 में इसी भवन में जल जाने के बाद अस्पताल में हुआ था।
सांसद ने प्रभावितों से मुलाकात कर उनका हाल जाना
सांसद अजय भट्ट ने बृहस्पतिवार को अग्निकांड पीड़ितों से बातचीत की। उन्होंने अधिकारियों से नुकसान का आकलन कर प्रभावितों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा कि वह पूरे प्रकरण को मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखेंगे। प्रभावितों से मिलने के दौरान गोविंद कनौजिया, इमरान आदि ने दुकान में रखे सामान को हुए नुकसान के बारे में बताया। ब्यूटी पार्लर संचालक गायत्री ने कहा कि उनकी दुकान का सारा सामान खत्म हो गया। सांसद ने एसडीएम नवाजिश खलिक को निर्देश दिए कि प्रभावितों को शीघ्र आर्थिक मदद उपलब्ध कराएं।
हाइड्रेंट से पानी नहीं आने की जांच होगी
अग्निकांड के दौरान फायर हाइड्रेंट से पानी नहीं आने पर प्रशासन ने जल संस्थान और दमकल को जांच के निर्देश दिए हैं। बुधवार रात मल्लीताल मोहन-को चौराहे पर स्थित ओल्ड लंद हाउस में आग लगने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसडीएम नवाजिश खलिक ने बताया कि जल संस्थान और अग्निशमन विभाग को शहर में लगे फायर हाइड्रेंटों की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने के निर्देश लिए हैं। खराब हाइड्रेंट की जांच करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि हाइड्रेंट पर पानी न चलने और हाइड्रेंट खराब होने पर विभागों से जवाब भी मांगा जाएगा। वहीं, ओल्ड लंदन हाउस में आग लगने के बाद भवन जर्जर अवस्था में है। क्षतिग्रस्त भवन से नीचे बनी दुकानों व वहां से आवाजाही करने वालों को भी खतरा बना हुआ है। इसका संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने डीडीए और पालिका को निर्देश दिए हैं। एसडीएम नवाजिश ने बताया कि डीडीए और पालिका को भवन के जले हिस्से की सफाई कर निचले हिस्से को सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं।
हाइड्रेंट के लिए अलग से लाइन का प्रस्ताव बनाएं
सांसद अजय भट्ट ने कुमाऊं आयुक्त को आदेश दिए कि वह हाइड्रेंट के पानी के लिए अलग से पेयजल लाइन का प्रस्ताव बनाकर भेजें। एक ही लाइन से पेयजल वितरण और आग बुझाने के लिए प्रयोग से दुर्घटना के समय दिक्कतें आ रही हैं। जल संस्थान तथा दमकल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह एक-एक पखवाड़े में नियमित रूप से हाइड्रेंट की चेकिंग करें। पत्रकारों के घटना के दौरान हाइड्रेंट मिलने में देरी, पानी न आने के सवाल पर सांसद बोले कि ऐसे मौके पर हड़बड़ी में देरी हो सकती है, इसकी समीक्षा की जाएगी। घटना कैसे और क्यों हुई इसकी जानकारी भी जरूरी है। मुख्यमंत्री के समक्ष मामले को रखा जाएगा। यदि जरूरी हुई तो मजिस्ट्रेटी जांच भी की जाएगी।