Tuesday, September 23, 2025
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सरकारी कर्मचारी की मौत के 34 माह बाद हत्या का मुकदमा

जल विद्युत विभाग में चालक की मौत के 34 महीने बाद न्यायालय के आदेश पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। चालक की सेवानिवृत्त होने से ठीक एक दिन पहले संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। मृतक के बेटे ने अपनी मां, सौतेले भाई और बहन पर नौकरी व सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले धन के लालच में हत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।मुकदमा वसंत विहार थाने में दर्ज किया गया है। बालावाला के रहने वाले अजय कुमार आर्य ने न्यायालय को बताया कि उनके पिता शिवराम जल विद्युत निगम में चालक के पद तैनात थे। उन्हें 28 फरवरी 2022 को सेवानिवृत्त होना था।

वह अजय की मां गीता देवी, सौतेले भाई विजय कुमार, शुभम कुमार और सौतेली बहन डोली के साथ विजय पार्क एक्स्टेंशन में किराये के मकान में रहते थे। फरवरी की शुरुआत में शिवराम अजय से मिले थे और बताया था कि वह सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन परिवार के सभी सदस्य उन पर सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली रकम लेने का दबाव बना रहे हैं।यही नहीं शुभम ने तो उन्हें ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी भी दी है। ताकि, उनकी नौकरी शुभम को मिल जाए। इस बीच 27 फरवरी 2022 को अजय कुमार आर्य को अपने एक परिचित से सूचना मिली कि उनके पिता की मृत्यु हो गई है और परिवार वालों ने उनका चुपचाप दाह संस्कार भी कर दिया है। ताकि, आगे कोई साक्ष्य न मिल सके। अजय कुमार की इस शिकायत पर न्यायालय ने शुभम, गीता देवी और डोली के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।

कई बार की थी पुलिस को शिकायत
शिकायतकर्ता अजय कुमार आर्य का कहना है कि उन्होंने इस मामले में पुलिस से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा, उन्हें अदालत की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने बताया कि वह गीता देवी के पूर्व पति की संतान हैं। उनके असल पिता की मृत्यु के बाद उनकी मां ने दूसरी शादी की थी, जिससे उन्हें शुभम, डौली आदि संतान हुईं।

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