हल्द्वानी। स्मार्ट फोन और इंटरनेट की बढ़ती गति ने साइबर अपराध का वृ़हद संसार बना दिया है। जागरूकता ही इस अपराध से बचने का एकमात्र उपाय है। एक ट्रेंड से जब तक लोग सतर्क होते हैं, साइबर ठग दूसरा इजाद कर ले रहे हैं। वहीं नैनीताल पुलिस ने इन साइबर ठगों के बारे में बताने और उनसे बचने के लिए ‘चेहरा एक-रूप अनेक’ कार्यक्रम सोशल मीडिया पर चलाया है।कुमाऊं जोन में ही केवल एक साल में ही 22 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी साइबर अपराधियों ने की। हर माह दस से 15 मामले पुलिस तक पहुंच रहे हैं। कई मामले ऐसे भी होते हैं, जिसमें शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है।
पुलिस तक जनवरी में तीन और फरवरी में पांच मामले पहुंचे। इसके अलावा तीन मामले पुराने थे, उनमें मुकदमा अब दर्ज हुआ। मार्च में साइबर ठगी के दो मामले आए। पुलिस ने भी साइबर ठगी को लेकर जागरूकता अभियान तेज किया है। नौ बिंदुओं से ठगों के तरीकों को सामने लाकर सतर्कता बरतने को जागरूकता लाई जा रही है। साइबर अपराधी अपने ट्रेंड को बदलकर काम कर रहे हैं। पुलिस की टीम भी लगातार इस पर नजर रखे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इंटरनेट के जरिये होने वाले इस फ्रॉड से निपटने के लिए समय-समय पर जागरूकता लाने के काम किए जा रहे हैं। पूरी डिटेल बनाकर सोशल मीडिया एकाउंट पर फोटो व वीडियो भी पोस्ट किए हैं, ताकि लोग जागरूक हों। – प्रहलाद नारायण मीणा, एसएसपी
ये हैं ठगों के तरीके
डिजिटल अरेस्ट- कानून तोड़ने का झूठा आरोप लगाकर झांसे में लेते हैं। कहते हैं उनके पास डिजिटल गिरफ्तारी वारंट है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के नाम से वीडियो कॉलिंग तक करते हैं।
ई ट्रेडिंग फ्रॉड – अवास्तविक रिटर्न के वादे, नकली वेबसाइटें, अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिये निवेशकों को वित्तीय नुकसान पहुंचाते हैं।
साइबर स्लेवरी – विदेश में नौकरी के नाम पर युवा धोखा खाते हैं। वहां उनसे साइबर अपराध भी करवाए जाते हैं। धोखेबाजों से सतर्क रहें।
ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन – कोई निजी तस्वीरों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के जरिये सोशल मीडिया पर वितरित करने की धमकी देता है।
जाॅब ऑफर फ्रॉड– नौकरी के नाम पर ऑफर देते हैं। इसके लिए धन की मांग होती है। फ्रॉड करने वाली कंपनी या एजेंसी से सतर्क रहे।
फर्जी लोन एप्स – झटपट लोन के वायदे के झांसे में न आएं। निजी जानकारी चोरी करते हैं। बैंक खाते को भी खाली कर सकते हैं।
साइबर बुलिंग – किसी के बारे में झूठी या मतलबी चीजों को भेजना, पोस्ट करना या सोशल मीडिया में साझा करना है। इसके जरिये वे धोखाधड़ी करते हैं।
ऑनलाइन गेमिंग फ्राॅड – ऑनलाइन गेमिंग के एप डाउनलोड कराकर उसके जरिये धोखाधड़ी की जा सकती है।
डेटिंग एप फ्रॉड – इंटरनेट पर विभिन्न डेटिंग साइट के जरिये कांटेक्ट कर बाद में धोखाधड़ी कर रुपये ठगते हैं।







