देहरादून, 4 दिसंबर 2024: बेरोजगारी और नशाखोरी के खिलाफ एक प्रमुख पहल करते हुए, भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) ने उत्तराखंड में एक राज्यव्यापी अभियान “नशा नहीं, नौकरी दो” की शुरुआत की। इस अभियान का शुभारंभ IYC अध्यक्ष श्री उदय भानु चिब के नेतृत्व में रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में “सचिवालय घेराव” के रूप में हुआ। कार्यक्रम में हजारों कार्यकर्ताओं और युवाओं ने भाग लिया और अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
बेरोजगारी और नशाखोरी पर फोकस
इस अवसर पर श्री उदय भानु चिब ने कहा, “हमारे देश में बेरोजगारी 35 वर्षों के उच्चतम स्तर पर है। उत्तराखंड जैसे राज्य भी इस गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। बेरोजगारी के कारण युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। यह केवल एक व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक समस्या है।” उन्होंने सरकार से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और नशा विरोधी ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।
वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति
कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे, जिनमें श्री प्रीतम सिंह, श्री हरीश रावत, श्री करण महारा, श्री गणेश गोदियाल, श्री हरीश धामी, श्री रवि बहादुर, और श्री भुवन कापड़ी जैसे शीर्ष नेता शामिल थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष श्री करण महारा ने राज्य में बढ़ती नशाखोरी और बेरोजगारी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार को अब गंभीरता से कदम उठाने होंगे।”
शांतिपूर्ण प्रदर्शन और नारेबाजी
रेंजर्स ग्राउंड में जनसभा के बाद, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिवालय की ओर शांतिपूर्ण मार्च किया। प्रदर्शन के दौरान “नशा छोड़ो, रोजगार दो” जैसे नारे गूंजते रहे। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को रेखांकित करते हुए सरकार को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें रोजगार सृजन और नशाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
अभियान का व्यापक असर
“नशा नहीं, नौकरी दो” अभियान केवल विरोध प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें जागरूकता अभियान, नीति निर्माताओं के साथ संवाद, और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कार्यक्रम शामिल होंगे। श्री उदय भानु चिब ने कहा, “यह अभियान केवल उत्तराखंड के लिए नहीं है। यह राष्ट्र के युवाओं के भविष्य के लिए है।”
भारतीय युवा कांग्रेस का यह कदम युवाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है। नशाखोरी और बेरोजगारी के खिलाफ यह आंदोलन, युवाओं के अधिकारों और कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।