फूड वैन संचालन के लिए अब नियमों का पालन करना होगा। फूड वैन में किसी प्रकार का भोजन पकाने से पहले अब अग्निशमन विभाग से एनओसी भी लेनी होगी। साथ ही अग्निशमन यंत्र भी लगाने होंगे। नियमों का पालन न करने पर परिवहन विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। इस संबंध में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) की ओर से देहरादून संभाग के सभी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही फूड वैन संचालकों को नियम अनुसार वैन चलाने के लिए महीने भर का समय दिया गया है। इसके बाद नियमों का पालन न करने वाले संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताय, सभी फूड वैन संचालकों के लिए 11 सूत्री नियम व निर्देश जारी किए गए हैं। महीने भर में यह सभी नियम और निर्देशों को लागू करना होगा। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी इन नियमों व निर्देशों की जांच करेंगे। नियमों के विरुद्ध संचालन मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह हैं 11 सूत्री नियम और निर्देश
वाहन की मूल लंबाई और चौड़ाई में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। वाहन की ऊंचाई मोटरयान अधिनियम 1988 और सीएमवीआर 1989 यथा संशोधित के मानकों से अधिक नहीं होगी।वाहन के फूड वैन में परिवर्तन के लिए केवल माल वाहनों का ही प्रयोग किया जाएगा।अधिकृत फैब्रिकेटर की ओर से फॉर्म-22ए डिजाइन प्रस्तुत किया जाएगा। जिसका परीक्षण फूड वैन में परिवर्तन दर्ज करने से पहले तकनीकी अधिकारी व पंजीयन अधिकारी की ओर से संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाएगा।वाहन में अग्निशमन विभाग की ओर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुरूप अग्निशमन यंत्र आदि स्थापित किया जाएगा।फूड वैन में केवल पका हुआ भोजन ही वितरित किया जाएगा। अगर फूड वैन में किसी प्रकार का भोजन बनाया जाता है, तो अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा।
वैन का एफएसएसएआई में पंजीयन होना आवश्यक होगा।किसी भी वाहन को फूड वैन में परिवर्तन करते समय नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। किसी भी वाहन को फूड वैन में स्थापित किए जाने से पहले पुलिस (यातायात विभाग) से किसी भी प्रकार के यातायात में व्यवधान उत्पन्न न हो, के संबंध में एनओसी लेना अनिवार्य होगा।वैन में डस्टबिन रखना अनिवार्य होगा।उत्तराखंड कराधान सुधार अधिनियम, 2003 व संशोधित 2019 के अनुरूप कर देना होगा।