पंतनगर। बढ़ती खपत के सापेक्ष कम उत्पादन के चलते दूध में यूरिया और डिटर्जेंट की मिलावट (सिंथेटिक दूध) का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। यह मस्तिष्क के लिए बहुत हानिकारक है। इसकी रोकथाम के लिए अब घर पर ही स्वयं दूध में मिलावट की जांच कर सकते हैं।किसान मेले में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के स्टाॅल पर दूध में मिलावट की जांच के लिए तकनीक प्रदर्शित की गई है। स्टाॅल पर मौजूद एलपीएम के प्राध्यापक डाॅ. अनिल कुमार और बी. नयाल ने बताया कि दूध में यूरिया मिलावट की जांच के लिए दो मिलीलीटर दूध में एक बूंद पी-डिमेथाइलामिनो बेंजल्डिहाइड और एक बूंद 0.1 एन एचसीएल मिलाएं। यदि दूध एक मिनट में पीला हो जाए तो उसमें यूरिया की मिलावट है। दो मिलीलीटर दूध में एक या दो बूंद रोसलिक एसिड मिलाने पर यदि वह एक मिनट में गुलाबी हो जाए तो उसमें की डिटर्जेंट मिलावट है। यह सभी रसायन बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
दूध से कीजिए पशु में थनैला रोग की जांच
पंतनगर। डाॅ. अनिल ने बताया कि पशुओं में थनैला (थन पकना) रोग की जांच दो विधि से की जा सकती है। दूध में कैलिफोर्निया मस्टाइटिस टेस्ट के तहत सबसे पहले चार कप वाला प्लास्टिक पैडल लीजिए। इसके एक कप में पांच मिलीलीटर दूध डालकर उसमें पांच मिलीलीटर सीएमटी घोल (रिजेंट) मिलाइए। अगर दूध जैल या गहरे बैंगनी रंग में परिवर्तित हो जाए तो समझ जाइए पशु में थनैला रोग है। वाइट साइड टेस्ट में सबसे पहले एक ग्लास स्लाइड लीजिए और उस पर पांच बूंद दूध और एक बूंद चार प्रतिशत सोडियम हाइड्रोक्साइड (एनएओएच) का घोल मिलाइए। यदि स्लाइड पर जैल बनता है तो वाइट साइड टेस्ट पाॅजिटिव है।