हल्द्वानी। लगातार सामने आ रहे साइबर क्राइम के मामलों की जांच तेजी से करने की दिशा में पुलिस ने कदम बढ़ाया है। अब तक 1930 पर शिकायत और जांच के बाद मुकदमा दर्ज होने में एक माह से ज्यादा का समय लग जाता है। इससे निपटने के लिए नैनीताल के सभी थानों से चिह्नित साइबर एक्सपर्ट दरोगा और सिपाहियों की टीम बनेगी जिन्हें साइबर क्राइम पर प्रशिक्षित कराने की योजना है। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी की कार्ययोजना के तहत सभी थानों के दरोगा और सिपाहियों को इसके लिए ट्रेनिंग दिलाई जाएगी, उन्हें साइबर अपराध के विभिन्न रूपों से अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही साइबर क्राइम के मामले में सबसे पहले उन्हें क्या करना है और क्या प्रोसेस होना चाहिए, यह बताया जाएगा। अभी तक साइबर क्राइम में 1930 पर शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर थाना रुद्रपुर से प्राथमिक जांच के बाद मामला जिले के संबंधित थाने को भेजा जाता है।
साइबर क्राइम के इन प्रारूपों को भी जानेगी टीम
साइबर क्राइम में टीम डिजिटल अरेस्ट, ई-ट्रेडिंग फ्रॉड, साइबर स्लेवरी, ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन, जाॅब आफर फ्रॉड, फर्जी लोन एप्स, साइबर बुलिंग, ऑनलाइन गेमिंग फ्राॅड, डेटिंग एप फ्रॉड के बारे में जानकारी हासिल करेगी।
हर साल आ रहे दो हजार से ज्यादा मामले
साइबर क्राइम के मामलों की संख्या बढ़ी है। पिछले साल 2200 से ज्यादा मामले नैनीताल जिले में ही सामने आए थे। इस साल भी कई प्रकरण सामने आ चुके हैं। हालांकि इसमें पुलिस जांच में जुटी है। साइबर क्राइम से बचाव के लिए पुलिस सतर्क है। सभी थानों में एसआई और कांस्टेबल तक को साइबर क्राइम से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। किन मामलों में कैसे जांच और कार्रवाई करनी है, इसकी भी ट्रेनिंग देंगे। इससे स्थानीय स्तर पर सामने आने वाले मामलों में त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। – डॉ. मंजूनाथ टीसी, एसएसपी







