अब दून में सभी ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों और आवासीय परियोजनाओं के लिए सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने यह फैसला उरेडा, यूपीसीएल और बिल्डर एसोसिएशन के साथ हुई बैठक में लिया। इस निर्णय को धरातल पर प्रभावी बनाने के लिए जल्द राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत आवासीय परियोजनाओं में सब्सिडी पर सोलर प्लांट स्थापित कराए जाएंगे।
एमडीडीए के अनुसार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ऐसी सभी आवासीय परियोजनाएं, जिनमें बिजली का कुल लोड 30 किलोवाट से अधिक है, उनमें सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। सोलर प्लांट लगाने के लिए सभी आवासीय परियोजनाओं में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सरकार 30 प्रतिशत खर्च उठाएगी। आवासीय परिसरों में 200 किलोवाट तक का प्लांट लगाया जा सकेगा। इसमें बिल्डर्स को एमएसएमई योजना के तहत 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।उद्योग विभाग के माध्यम से जिला सहकारी बैंकों से ऋण की सुविधा भी मिलेगी। आवासीय परिसरों में 20, 25, 50, 100, 200 किलोवाट के सोलर प्लांट भी लगा सकेंगे।
सोलर प्रोजेक्ट से आत्मनिर्भर बनेंगी आवासीय परियोजनाएं : उपाध्यक्ष
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को बढ़ावा देने के लिए एमडीडीए ने अहम पहल की है। जल्द राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कर उसमें कई प्राधिकरणों से अभियंताओं व बिल्डर्स को आमंत्रित किया जाएगा। ताकि, इस योजना के लिए सभी को प्रोत्साहित किया जा सके। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के जरिये रोजगार का सृजन भी होगा। इससे आवासीय एवं ग्रुप हाउसिंग इत्यादि को सौर विद्युत उत्पादन से आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। यूपीसीएल के सीईओ आशीष अरोड़ा, उरेडा के पीपीओ मनोज अरोड़ा ने इस संबंध में प्रस्तुतीकरण भी दिया। उन्होंने बताया कि यह प्लांट लगाने पर यूपीसीएल 4 रुपये 69 पैसे की दर से बिजली की खरीद करेगा।
ऐसे होगा प्लांट की क्षमता का निर्धारण
जिन आवासीय परियोजनाओं में 750-1000 वर्ग मीटर जगह होगी, वहां 50 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। 1500-2000 वर्ग मीटर जगह वाले परिसर में 100 किलोवाट, 3000-4000 वर्गमीटर में 200 किलोवाट का प्लांट लगाना होगा। प्रति किलोवाट का अनुमानित खर्च 50 हजार रुपये आएगा। 50 किलोवाट से 76,000 यूनिट, 100 किलोवाट से 1,52,000 और 200 किलोवाट से 3,04,000 यूनिट बिजली सालाना पैदा होगी। अधिक बिजली बनने पर यूपीसीएल बिजली की खरीद करेगा। सोलर प्लांट के लिए सहकारी बैंकों से आठ प्रतिशत ब्याज दर पर 15 साल की अवधि तक का ऋण मिलेगा। इसमें जमीन की सेल डीड, लीज डीड और लैंड यूज पर स्टांप ड्यूटी में छूट रहेगी। अगर कोई आवासीय परिसर 10 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाता है तो अधिकतम 2 साल में इसका पूरा खर्च निकल आएगा। आगे रोजाना 10 किलोवाट मुफ्त बिजली मिलेगी।
आरडब्ल्यूए को करना होगा कूड़े का निस्तारण
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बिल्डर एसोसिएशन से कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में आवासीय कॉलोनियों के परिसरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण अपने स्तर पर करना होगा। अभी नगर निगम यह कार्य करता है। कहा, यह सुनिश्चित किया जाए कि आरडब्ल्यूए अपने स्तर पर प्लास्टिक, फल-सब्जी, कूड़े को अलग-अलग कर इससे खाद आदि बनाए। इससे नगर निगम को कूड़ा निस्तारण में आसानी होगी।
ग्रीन एरिया बढ़ाएं
बैठक में बिल्डर एसोसिएशन से कहा गया कि आरडब्ल्यूए में ग्रीन एरिया से मतलब केवल घास उगाना नहीं है। ग्रीन एरिया में फलदार पेड़ों का रोपण किया जाए, जिससे आने वाले दिनों में शहर के बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिले।