पॉक्सो न्यायाधीश ने काशीपुर में ढाई साल पहले नाबालिग बेटियों से अश्लील हरकतें करने के दोषी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। पांच अप्रैल 2022 को एक नाबालिग ने काशीपुर कोतवाली में अपने पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उसका कहना था कि वह, भाई और बहन पिता से असुरक्षा महसूस करते थे। उसके पिता गलत नीयत से छूते थे और गलत काम करना चाहते थे। पिता ने शराब के नशे में जबरन दरवाजा खोलने की कोशिश की थी। जब उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो आरोपी जबरन कमरे में घुस गया था। फिर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की तो उसने हाथ पर डंडा मार दिया था। इस पर पिता ने उस पर प्लास से वार किए और उसे जान से मारने को कहा था। इस पर वह खुद की अस्मत बचाने के लिए घर से भाग गई और स्कूल की शिक्षिका और गांव की एक आंटी को फोन कर पूरी बात बताई थी। उसकी 11 साल की बहन ने भी पिता पर गलत तरीके से छूने की बात कही थी। पुलिस ने छह अप्रैल 2022 को आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया था।पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की अदालत में यह मुकदमा चला। मुकदमे की सुनवाई में आरोपी पिता पर दोष सिद्ध हो गया। मंगलवार को अदालत ने दोषी को सजा सुनाई। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रुपये पीड़ित बहनों को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए। अदालत ने सरकार को निर्देश दिए कि दोनों बहनों को क्षतिपूर्ति के रूप में 50-50 हजार रुपये दिए जाएं।
गोलीकांड के तीन दोषियों को दस साल का कठोर कारावास
साढ़े सात साल पहले पार्षद चुनाव की रंजिश में एक व्यक्ति पर फायरिंग कर जानलेवा हमला करने के तीन दोषियों को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने दस-दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों पर 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।तीन जून 2017 को वार्ड चार भदईपुरा निवासी गेंदन लाल ने कोतवाली में भदईपुरा निवासी अजय यादव, राजेश यादव, आकाश यादव, मुकेश यादव, किशन सिंह नेपाली, हरीश यादव और बृजेश यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उसका कहना था कि अभियुक्त उसके बेटे राजेश से पार्षद चुनाव को लेकर रंजिश रखते हैं। 12 मार्च 2017 को दूधिया बाबा आश्रम में अभियुक्तों ने उसके बेटे पर हमला किया था। कुछ लोगों के बीच बचाव करने पर अभियुक्त 20 से 25 दिन में बेटे को जान से मारने की धमकी देकर चले गए थे।तीन जून 2017 की सुबह उसका बेटा राजेश अपने दोस्त लोकेश और अश्विनी के साथ बगीचे में पानी लगाने गया था। इसी बीच अभियुक्तों ने उसके बेटे पर हमला कर दिया। अभियुक्तों ने बेटे के दोस्तों को डरा धमकाकर भगा दिया और फिर बेटे पर तमंचे से फायरिंग कर दी। कई गोलियां लगने के बाद अभियुक्त बेटे को मृत समझ कर फरार हो गए थे। उसके बेटे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह जिंदगी और मौत से संघर्ष करता रहा था। पुलिस ने मुकदमे की विवेचना के बाद बृजेश यादव, किशन सिंह नेपाली व प्रवेश मिश्रा उर्फ सोनू के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले की सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत में हुई। अदालत में सुनवाई के बाद साक्ष्य और गवाहों के आधार पर तीनों पर दोष सिद्ध हो गया। अदालत ने दोषी बृजेश यादव, किशन सिंह नेपाली और प्रवेश मिश्रा उर्फ सोनू को दस-दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।