Tuesday, October 28, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डआश्वासन पर धरने से उठे किसान खोला ताला केंद्रों पर तोला धान

आश्वासन पर धरने से उठे किसान खोला ताला केंद्रों पर तोला धान

सितारगंज। कच्चे आढ़तियों के धान नहीं खरीदने से नाराज किसानों ने नई मंडी समिति के गेट पर तालाबंदी के करीब 24 घंटे बाद धरना समाप्त किया और गेट खोला। नाराज किसान शुक्रवार को नई मंडी समिति के गेट की तालाबंदी कर रात भर धरने पर बैठे थे। शनिवार को सभी किसानों का धान तुलवाने के आरएफसी लता मिश्रा के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया। इसके बाद आरएफसी लता मिश्रा और किसानों ने मंडी समिति का गेट खोल दिया।शनिवार को किसानों, अधिकारियों और कच्चे आढ़तियों के बीच वार्ता में किसानों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी शर्तों को रखा। दिन भर चली वार्ता के बाद किसानों ने आरएफसी लता मिश्रा के आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया। इसके बाद किसानों ने आरएफसी लता मिश्रा के साथ मंडी समिति का गेट खोल दिया।

किसान नेता नवतेज पाल सिंह के अनुसार वह कच्चे आढ़तियों के खिलाफ धरने पर बैठे थे जो मनमाने तरीके से किसानों की फसलों पर कटौती करते हुए नमी, फपला (धान के साथ अतिरिक्त मात्रा में चिपका हुआ भूसा) के अलावा भी करीब सात किलो अलग से काट रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी बातों को अधिकारियों के समक्ष रखा गया। नवतेज ने बताया कि आरएफसी लता मिश्रा ने उन्हें नमी और फपला के अलावा कोई अन्य कटौती को न किए जाने का आश्वासन दिया है। साथ ही सभी कच्चे आढ़तियों के 35 कांटे मंडी समिति में लगाने और वहीं किसानों का धान तौले जाने की बात कही है। मंडी में खड़ी सभी किसानों के धान की फसल की तौल कराई जाएगी। इस दौरान गुरसेवक सिंह, सरदार गुरसाहब सिंह, अर्शदीप सिंह, अनिरुद्ध राय, सलीम, कर्मा लाहोरिया, शेर सिंह मल्ली, छिंदा सिंह, अमरजीत, गुरनाम, दीप सिंह, शरीफ सहित अन्य किसान उपस्थित रहे।

कोट
वार्ता के बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया है। शुक्रवार को तौली गई 45 ट्राॅलियों को मंडी से बाहर निकाल दिया है। रविवार और सोमवार को बाकी बची करीब 140 ट्राॅलियों की तौल कराई जाएगी। – लता मिश्रा, आरएफसी

पूर्व विधायक ने आरएफसी कार्यालय पर लगाया ताला
सितारगंज में धान नहीं तौलने से धरने पर बैठे किसानों का समर्थन करते हुए पूर्व विधायक नारायण पाल ने आरएफसी लता मिश्रा के कार्यालय में ताला लगा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सितारगंज को सिर्फ चुनिंदा किसानों के ही धान की तौल हुई। उन्हें ही एमएसपी का लाभ मिल रहा है जबकि सीमांत किसान मंडी तक भी नहीं पहुंच रहा है। रास्ते में ही उनकी फसल को औने-पोने दाम पर खरीद लिया जा रहा है। फिर उसे एसएसपी पर बेचकर लाभ कमाया जा रहा है।

spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments