देहरादून, 28 मई:
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी आगामी 1 जून को हल्द्वानी में “जय हिंद रैली” का आयोजन करने जा रही है, जिसमें हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, आमजन, प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। यह रैली न केवल भारतीय सेना द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में दिखाए गए अदम्य साहस के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है, बल्कि इसमें शहीद सैनिकों और आम नागरिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और घायल नागरिकों के प्रति सहानुभूति प्रकट की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन एवं प्रशासन) श्री सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह रैली कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी “जय हिंद रैली” श्रृंखला का हिस्सा है, जिसके माध्यम से कांग्रेस देश की सेना के प्रति आभार व्यक्त कर रही है। इसके साथ ही यह रैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ गंभीर सवाल भी पूछेगी, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न राज्यों में चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं।
श्री धस्माना ने लगाए आरोप:
श्री धस्माना ने कहा कि जब देश संकट में था और समस्त विपक्ष केंद्र सरकार और सेना के साथ मजबूती से खड़ा था, तब प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर ओछी और अनर्गल टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह बताना चाहिए कि जब ऑपरेशन से पहले सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई, जिसके कारण 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, तो उसकी जिम्मेदारी किसने ली?
उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री पहलगाम और पुंछ कब जाएंगे? वे ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए सैनिकों और नागरिकों के परिजनों से मिलने कब जाएंगे? क्या वे देश को बताएंगे कि इस दुखद घटना के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाकर जनता को पूरी स्थिति से अवगत क्यों नहीं कराया गया?
विदेश नीति पर भी उठाए सवाल:
धस्माना ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कथित बयान को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप ने भारत को धमकाकर या व्यापार का भय दिखाकर युद्धविराम करवाया, तो प्रधानमंत्री इस पर खुलकर देश को जवाब क्यों नहीं देते?
राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी:
श्री धस्माना ने यह भी स्पष्ट किया कि हल्द्वानी में आयोजित रैली के बाद कांग्रेस पूरे उत्तराखंड में – हर ब्लॉक और हर गांव में – जाकर ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित तथ्यों और सवालों को जनता के सामने रखेगी।
रैली के जरिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि सेना के सम्मान और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। पार्टी का मानना है कि संकट की घड़ी में राष्ट्रीय एकता सबसे ऊपर होती है, लेकिन अगर सत्ता पक्ष इस विषय का दुरुपयोग कर रहा है, तो उस पर सवाल उठाना भी विपक्ष का कर्तव्य है।