पशु प्रजनन प्रक्षेत्र (राजकीय डेरी फार्म) कालसी में कार्यरत आउटसोर्स महिला कर्मियों ने ठेकेदार पर कर्मचारियों की मिलीभगत से शोषण करने का आरोप लगाया है। शनिवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में पहुंचीं महिला कर्मियों व अन्य लोगों ने परियोजना निदेशक का घेराव किया। उन्हें एक शिकायती पत्र भी सौंपा।राजकीय डेरी फार्म में विरोध प्रदर्शन करते हुए दैनिक महिला कर्मियों ने परियोजना निदेशक डॉ. एसकेएस बर्तवाल को बताया कि संस्थान में कार्यरत ठेकेदार काफी समय से उनका शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं। जब वह अधिकारियों और कर्मचारियों से इसकी शिकायत करती हैं तो वह भी पद का रौब दिखाकर उनको परेशान करते हैं। बताया कि उनसे कई गैर जरूरी कार्य करवाए जाते हैं। जिनमें पुताई करवाना, पत्थरों से ट्रॉली भरवाना, नाली बनवाना, रेत बजरी उठाना और झाड़ू-पोछा आदि शामिल है। जबकि उनका काम पशुओं को चारा डालना, गोबर उठाना और उनकी देखरेख करना है।
महिला कर्मियों ने आरोप लगाया कि जब ठेकेदार से भुगतान के लिए कहा जाता है तो वह कहता है कि जब तुम्हारे घर में कोई मरेगा तब तुम्हें रुपये दिए जाएंगे। महिलाओं ने ठेकेदार, संबंधी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं, क्षेत्र पंचायत सदस्य व्यास भूड, महावीर सिंह, भाजपा नेता गजेंद्र दत्त जोशी, जगदीश, सक्षम, निखिल आदि ने भी पृथक रूप से एक ज्ञापन परियोजना निदेशक को सौंपा। ज्ञापन में आउटसोर्स श्रमिकों पर हो रहे अत्याचार और उसमें शामिल कर्मचारियों की मिली भगत पर जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग की। कहा कि अगर ऐसा न हुआ तो स्थानीय जनता को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन में विभाग पर पुरानी संपत्ति को भी बेचने का आरोप लगाया गया। परियोजना निदेशक डॉ. एसकेएस बर्तवाल ने कहा कि किसी भी विभागीय संपत्ति को नहीं बेचा गया है। दैनिक महिला कर्मियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के आरोप निराधार हैं। अभी तक बोर्ड के समक्ष शिकायत नहीं आई है। परियोजना निदेशक कालसी से मामले की जानकारी लेकर जांच करवाई जाएगी। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. राकेश नेगी, मुख्य अधिशासी अधिकारी, उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड