रामनगर। नैनीताल जिले के कोटाबाग स्थित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय में अव्यवस्थाओं को देखकर 106 बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल से नाम कटा दिया है। प्रदेश में यह पहला मामला है जब अव्यवस्थाओं के कारण गुस्से में 106 बच्चों के अभिभावकों ने एक साथ इतना बड़ा कदम उठाया हो। अभिभावकों के इस कदम से स्कूल प्रबंधन के साथ ही शिक्षा विभाग में भी खलबली मची है।
अभिभावकों का आरोप। जिलाधिकारी नैनीताल की देखरेख में संचालित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय, कोटाबाग में अभिभावकों ने अव्यवस्थाओं का अंबार होने का आरोप लगाया है। एसडीएम रेखा ने बताया, अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय में बीते 6 साल से स्थाई प्रधानाचार्य की नियुक्ति नहीं हुई है। इस कारण प्रधानाचार्य की जिम्मेदारियों का निर्वहन तीन अलग-अलग अधिकारी कर रहे हैं। जिनमें से कोई भी ठोस निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। विद्यालय में वार्डन और सफाई कर्मी की भी कमी है। सफाई कर्मचारी न होने के कारण पूरे विद्यालय परिसर में बच्चे खुद साफ-सफाई का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त बीते कुछ दिनों से रात को महिला शिक्षकों के घर चले जाने के बाद वार्डन के अभाव में बच्चों को अकेले रात गुजारनी पड़ी. इससे बच्चों में असुरक्षा की भावना है।
विधायक ने किया निरीक्षण। इन आरोपों पर मंगलवार को कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत और एसडीएम रेखा कोहली ने विद्यालय का निरीक्षण किया तो स्कूल में छात्रों के अभिभावक मौजूद मिले। विधायक बंशीधर भगत ने विद्यालय में हुई अवस्थाओं को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जल्द से जल्द बिगड़ी हुई व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जाए। अगर भविष्य में कोई भी अनियमितता पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण में मौजूद एसडीएम रेखा कोहली ने कहा कि आज क्षेत्रीय विधायक के साथ ही मेरे द्वारा भी इस विद्यालय का निरीक्षण किया गया। जिसमें कई खामियां पाई गई। उन्होंने कहा कि वार्डन की तैनाती की कमियों के साथ ही हमारे द्वारा दो महिला पीआरडी की तैनाती भी की गई है। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा शिक्षकों को पढ़ाने को लेकर रोटेशन शुरू किया गया है। साथ ही सफाई व्यवस्था के लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. इसके बाद भी अगर खामियां पाई जाती हैं तो हमारे द्वारा कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल वर्तमान में विद्यालय में 350 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। जिसमें से 106 बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल से नाम कटा दिया है।