कानपुर में हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलटी हॉस्पिटल एंड पीजीआई के फिजिकल मेडिकल रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) विभाग में रोगियों को रोबोट व्यायाम कराएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) युक्त रोबोट यह पता कर लेगा कि मांसपेशियों में कितनी कमजोरी और कितना और कौनसा व्यायाम कराना है। पीएमआर में रीढ़, अस्थि आदि की सर्जरी के बाद रोगियों को आने वाली कमजोरी दूर की जाएगी। ब्रेन स्ट्रोक, पक्षाघात, सिर की चोट, रीढ़ की चोट, मस्तिष्क के ऑपरेशन, स्पाइनल कॉर्ड में दिक्कत, हाथ-पैर की हड्डी टूटने के रोगियों को ठीक होने के बाद कमजोरी रहती है। इससे उन्हें सामान्य कार्य करने में दिक्कत आती है। ऐसे रोगियों का पीएमआर विभाग में पुनर्वास किया जाएगा। न्यूरो साइंसेस विभाग के प्रमुख और पीजीआई के नोडल अधिकारी डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि पीएमआर विभाग में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। अभी 80 लाख रुपये कीमत के उपकरण मंगाए गए हैं।
रोगियों को व्यायाम कराएंगे रोबोट
उन्होंने बताया कि इन उपकरणों से व्यायाम कराकर रोगियों के हाथ-पैर की कमजोरी दूर की जाएगी। रोगियों के पैरों और हाथों की कमजोर मांसपेशियों को विशेष व्यायाम कराकर दूर किया जाएगा। इसके अलावा रोबोट भी मंगाए जाएंगे। रोबोट रोगियों को व्यायाम कराएंगे। इन रोबोट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की व्यवस्था रहेगी। रोबोट में हाथ-पैर डालते ही मांसपेशियों की कमजोरी की सही जानकारी मिल जाएगी। उसी के अनुसार रोबोट व्यायाम कराएगा।
विभाग का एक अलग वार्ड है
उन्होंने बताया कि रोबोट व्यायाम भी तय करेगा। रोगी के लिए जो व्यायाम उपयुक्त होगा उसी का अभ्यास कराया जाएगा। रोबोट में मानव चूक की गुंजाइश नहीं रहेगी। डॉ. सिंह ने बताया कि विभाग का एक अलग वार्ड है। इसमें रोगियों को भर्ती किया जाएगा। पुनर्वास होने के बाद रोगी को उसके लिए उपयुक्त प्रोफेशन और योजनाओं के संबंध में भी विशेषज्ञ जानकारी देंगे, जिससे वह अपना जीवन यापन कर सके।