सोमवार को जिलाधिकारी की जन सुनवाई में आशा से अधिक भीड़ जुटी। 326 शिकायतें दर्ज की गईं। कई लोगों ने रिहायशी और सार्वजनिक क्षेत्रों में खुलेआम बिक रहे मीट और अंडों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की, जबकि अन्य शिकायतें जमीन विवादों और विभागीय लापरवाही को लेकर थीं। जनसुनवाई अपराह्न ढाई बजे से रात साढ़े सात बजे तक चली।ऋषिकेश तहसील में आयोजित जनसुनवाई में सुबह 10 बजे से फरियादी शिकायती पत्र लेकर पहुंचने लगे। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ऋषिकेश के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि तीर्थनगरी में खुलेआम मीट बेची जा रही है, जबकि नियमानुसार स्लाटर हाउस से मीट कटकर आनी चाहिए। इंदिरानगर क्षेत्र में बकरे और मुर्गे खुलेआम काटे जा रहे हैं।
बीमार बकरों को भी काटा जा रहा है। दुकानदारों के पास मीट से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं हैं। पहले तीर्थनगरी में अंडे नहीं बिकते थे, अब खुलेआम बेचे जा रहे हैं। नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। आईएसबीटी मार्ग स्थित व्यापारी सुनील मेहता ने मार्ग से अतिक्रमण हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने अपनी पक्की दुकानों के आगे टिन शेड लगाकर वहां पर गोदाम बना दिया है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।नगर आयुक्त ने उन्हें बुधवार को बुलाया है। अभिषेक चावला, धर्मराज पुंडीर ने जमीन से संबंधित शिकायतें दर्ज कराई। भरत विहार चार नंबर गली निवासी अश्वनी घोष ने कहा कि उनकी गली में बरसात में घुटने तक पानी एकत्रित हो जाता है।
रोड पर पार्क हो रहे ट्रकों को हटवाने की मांग
पूर्व पार्षद राकेश सिंह प्रगति विहार और तहसील रोड पर पार्क हो रहे ट्रकों को हटवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर एक माह पूर्व एक व्यक्ति को ट्रक ने कुचल दिया था। तहसील मार्ग से ट्रक हटवाए जाएं। डीएम ने सीओ को कार्रवाई के लिए कहा है।
पार्षद और रिटायर्ड ईई में तू-तू मैं मैं
जन सुनवाई में नगर निगम के कुछ पार्षदों ने बिजली के खंभों को लेकर शिकायत की। अधिशासी अभियंता शक्ति प्रसाद ने डीएम को जनवरी से शहर में बिजली की लाइनों के भूमिगत होने की जानकारी दी। इस दौरान पार्षदों और ऊर्जा निगम के रिटायर्ड अधिशासी अभियंता महेंद्र सिंह में तू-तू मैं-मैं हो गई। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया।
टेंडरां का तुलनात्मक चार्ट जारी करें निगम
स्थानीय निवासी पंकज गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई कि नगर निगम की दुकानों की नीलामी की निविदा खुले हुए एक माह हो गया है, लेकिन आज तक निगम प्रशासन की ओर से सफल-असफल बोलीदाताओं को सूचना नहीं भेजी गई। उन्होंने नगर निगम प्रशासन से तुलनात्मक चार्ट जारी करने की मांग की।







