गौलापार के मानसखंड खेल परिसर के इनडोर हॉल में सोमवार से शुरू हुई छह दिनी 20वीं कैडेट नेशनल फेंसिंग चैंपियनशिप में सेंट्रल एसी के काम नहीं करने से विवाद खड़ा हो गया। हॉल में उमस और गर्मी के कारण बाहरी राज्यों के चार खिलाड़ी बेहोश हुए तो खलबली मच गई। स्वास्थ्य टीम और मेडिकल रूम नहीं होने से भी अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। करीब दो घंटे बाद एसी सही होने पर सभी ने राहत की सांस ली। अधूरी तैयारियों के साथ प्रतियोगिता कराने पर लोगों ने नाराजगी जताई। किरकिरी होने पर जिला क्रीड़ाधिकारी को नोटिस जारी किया गया है। गौलापार में फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित राष्ट्रीय फेंसिंग (तलवारबाजी) प्रतियोगिता के पहले दिन बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को विपक्षी के साथ अव्यवस्थाओं से भी लड़ना पड़ा। स्पर्धा की शुरुआत से इनडोर हॉल का सेंट्रल एसी नहीं चल रहा था। इस पर खिलाड़ियों और उनके साथ पहुंचे कोच ने आपत्ति जताई। काफी देर तक एसी नहीं चलने पर फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव राजीव मेहता ने मामले को प्रमुख सचिव (खेल) अमित कुमार सिन्हा तक पहुंचाया। उन्होंने सहायक उप निदेशक खेल राशिका सिद्दीकी से फोन पर जानकारी ली।
इसके बाद सहायक उप निदेशक सिद्दीकी और जिला क्रीड़ाधिकारी निर्मला पंत आयोजन स्थल पर पहुंचीं। एसी सही करने के लिए मैकेनिक को बुलाया गया। इस दौरान मुकाबले चलते रहे। जैकेट पहने खिलाड़ी मैच खत्म करके पहुंचे ही थे कि मध्य प्रदेश का एक और झारखंड के तीन खिलाड़ी बेहोश हो गए। मौके पर चिकित्सकों की टीम नहीं होने से खलबली मच गई। मेडिकल रूम नहीं होने पर खिलाड़ियों को कमरे में एक बेड पर लिटाया गया। पानी के छींटे मारकर उन्हें होश में लाया गया।वेंटीलेशन और पंखे नहीं होने से खिलाड़ियों के साथ ही पवेलियन में मौजूद परिजन रूमाल और तौलिये से पसीना पोंछते नजर आए। करीब दो घंटे बाद एसी सही होने पर सभी ने राहत की सांस ली। खेल निदेशक डॉ. आशीष चौहान ने प्रतियोगिता के दौरान एसी नहीं चलने पर जिला क्रीड़ा अधिकारी निर्मला पंत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें जिला क्रीड़ा अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। प्रतियोगिता में देश भर की 28 टीमें पहुंचीं हैं।
पहले दिन हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा
20वीं कैडेट राष्ट्रीय तलवारबाजी चैंपियनशिप में पहले दिन महिला और पुरुष कैडेट में व्यक्तिगत मुकाबले खेले गए। इसमें हरियाणा के खिलाड़ियों ने दो गोल्ड मेडल जीते। महिलाओं की सेबर व्यक्तिगत स्पर्धा में 76 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें हरियाणा की साक्षी ने स्वर्ण, पंजाब की गजल वर्मा ने रजत पदक और महाराष्ट्र की वैष्णवी व तमिलनाडु की संगमा ने कांस्य पदक जीता। इसी कैटेगरी के पुरुष वर्ग में 86 खिलाड़ियों ने दमखम दिखाया। हरियाणा के लिवजोत ने स्वर्ण, उज्ज्वल ने रजत और अभिनव व आर्यन ने कांस्य पदक जीते।
हॉल का किराया नहीं दिया
सहायक उप निदेशक खेल राशिका सिद्दीकी ने बताया कि एसोसिएशन को फेंसिंग स्पर्धा के लिए हॉल किराये पर दिया गया है। पांच लाख का भुगतान एसोसिएशन को करना है जो अब तक नहीं किया गया है। एसोसिएशन के महासचिव राजीव मेहता ने बताया कि छह सितंबर से एक अक्तूबर तक हॉल को किराये पर लिया गया है। प्रतिदिन के हिसाब से किराया तय होता है। विभाग की ओर से भुगतान का चालान भेजा जाएगा। यह प्रक्रिया खेल निदेशालय देहरादून की ओर से की जानी है।
टूर्नामेंट कराकर गलती कर दी : मेहता
फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव राजीव मेहता ने प्रतियोगिता में अव्यवस्थाओं पर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि रविवार शाम उन्होंने आयोजन स्थल का निरीक्षण किया था। हॉल का एसी काम नहीं कर रहा था तो खेल अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन न तो किसी ने फोन उठाया और ना ही कॉल बैक की।
खेल विवि के कुलपति अमित कुमार सिन्हा ने भी उनका फोन रिसीव नहीं किया। कई राज्यों में अब तक प्रतियोगिता कराई हैं। वहां के अधिकारियों की ओर से एसोसिएशन को पूरा सहयोग मिलता है। यहां की अव्यवस्था उत्तराखंड की कमजोरी के रूप में सामने आई है। ऐसा लग रहा है कि टूर्नामेंट कराकर गलती कर दी। यदि खेल विभाग स्टेडियम को नहीं संभाल पा रहा है तो उन्हें एसोसिएशन को स्टेडियम की बागडोर सौंप देनी चाहिए।इसी माह एक बड़ा टूर्नामेंट प्रस्तावित है। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी जरूरी हैं। खेल विभाग के पास संसाधन हैं लेकिन रखरखाव नहीं किया गया है। जनरेटरों में हमारी ओर से 18 हजार का डीजल डाला गया है। – राजीव मेहता, महासचिव, फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया
प्रतियोगिता शुरू होने से पहले एसी खराब हुआ था। मुरादाबाद से तकनीशियन बुलाकर इसे ठीक करा दिया गया। एसोसिएशन को सूचित किया गया था कि वह स्पर्धा के दौरान अपने तकनीशियन की तैनाती करे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आयोजन के लिए दो जनरेटर दिए गए हैं। – राशिका सिद्दीकी, सहायक उप निदेशक, खेल