ओएनजीसी चौक पर हुए हादसे के बाद कंटेनर चालक उसकी नंबर प्लेट भी उखाड़कर अपने साथ ले गया था। पुलिस ने घटना के 10 दिन बाद चालक को गिरफ्तार कर लिया है। कंटेनर को वह ट्रांसपोर्ट नगर से कौलागढ़ में चल रहे ड्रिलिंग के काम के लिए ले जा रहा था। चालक ने वहां बिखरी लाशों को देखकर भाग गया और अपना फोन भी बंद कर दिया। पुलिस चालक को शनिवार को न्यायालय में पेश करेगी।ओएनजीसी चौक पर 11 व 12 नवंबर की रात करीब 1.31 बजे तेज रफ्तार कार सामने से चौराहा पार कर रहे कंटेनर से टकरा गई थी। हादसे में छह दोस्तों (तीन युवक और तीन युवतियां) की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, एक युवक घायल हो गया था जिसका अब भी सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस मामले में घायल सिद्धेश के पिता की ओर से कंटेनर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। कंटेनर पर नंबर प्लेट नहीं थी। ऐसे में पुलिस और परिवहन विभाग ने इसकी जांच की तो पता चला कि यह कंटेनर गुरुग्राम की वीआरसी लॉजिस्टिक के नाम पर दर्ज है।
कंपनी ने इसे 2015 में सहारनपुर निवासी नरेश गौतम को बेच दिया था। नरेश गौतम ने इस कंटेनर को अपने नाम नहीं कराया था। बल्कि आगे अभिषेक चौधरी निवासी मुहाना, मेरठ को हॉरिजोंटल ड्रिलिंग मशीन के साथ किराए पर दे दिया था।अभिषेक इस कंटेनर और मशीन को अक्तूबर 2024 में देहरादून लाया और इसके ट्रांसपोर्ट नगर में खड़ा रखता था। मशीन को जब काम मिलता था तभी यह कंटेनर आसपास के इलाकों में जाता था। इस कंटेनर को चालक रामकुमार उर्फ रामू निवासी ग्राम इस्माइल पुर, बिहारीगढ़, सहारनपुर चलाता था। घटना की रात को भी रामकुमार मशीन लदे इस कंटेनर को लेकर कौलागढ़ जा रहा था। इसी बीच ओएनजीसी चौक पर कंटेनर लगभग सड़क पार कर चुका था कि बल्लूपुर की ओर से आ रही कार ने इसमें टक्कर मार दी। घबराकर चालक ने कंटेनर की नंबर प्लेट उखाड़ी और पैदल ही वहां से निकल गया। इस बीच वह कई स्थानों पर रहा। उसका फोन भी बंद था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि रामकुमार को पुलिस को बिना सूचना दिए मौके से फरार होने और पहचान छुपाने के उद्देश्य नंबर प्लेट हटाकर साक्ष्यों को छुपाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।