बस में इमरजेंसी गेट की जगह अतिरिक्त स्लीपर सीट लगा दी। खिड़कियां टूटी हैं। कोई आपाति स्थिति आने पर शीशे तोड़ने के लिए हथौड़ी तक नहीं है। न ही पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र। आलमबाग नहरिया से चलने वाली प्राइवेट एसी बसों का कुछ ऐसा हाल है।एक ओर परिवहन विभाग की टीम ट्रांसपोर्टनगर पार्किंग में खड़ी प्राइवेट बसों की चेकिंग कर अनियमितताओं पर कार्रवाई कर रही है तो दूसरी ओर आलमबाग से दिल्ली, देहरादून, जयपुर आदि रूटों पर चल रहीं प्राइवेट बसें हादसों को न्योता देती नजर आ रही हैं।
देहरादून जाने वाली प्राइवेट बस (बीआर 06 पीजी 8888) में जहां इमरजेंसी गेट होना चाहिए, वहां बस संचालक ने अतिरिक्त सीट लगा दी है।बीकानेर की बस (आरजे 13 पीए 6849) में भी इमरजेंसी गेट के सामने खाली जगह की जगह अतिरिक्त सीट लगी मिली। जयपुर की बस (एआर01 टी0576) की खिड़की टूटी थी। रविवार को आगरा एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से गोंडा जा रही प्राइवेट एसी बस में आग लगने की घटना के बावजूद प्राइवेट बसों की बदहाली थम नहीं रही है। यह स्थिति तब है, जब नहरिया से कुछ किमी दूर ट्रांसपोर्टनगर में आरटीओ है, जहां आला अफसर बैठते हैं।
बस से छेड़छाड़, बनाया स्ट्रक्चर : दिल्ली की बस (यूपी 17 एटी 9954) में छत पर अतिरिक्त स्ट्रक्चर बना मिला। राजस्थान की बस (आरजे 13 पीए 6849) में भी सामान लादने के लिए छत पर अतिरिक्त स्ट्रक्चर बनाया गया था।पार्किंग में जांची जा रहीं बसें : आरटीओ की टीम ने ट्रांसपोर्टनगर की पार्किंग संख्या सात में खड़ी प्राइवेट बसों की बृहस्पतिवार को भी जांच की। 22 में से छह बसें अनफिट मिली। तीन की बॉडी मानकों से बड़ी थी। एक में इमरजेंसी गेट नहीं था। चार बसों में सिटिंग क्षमता मानक अनुरूप नहीं थी।आरटीओ (प्रवर्तन) प्रभात कुमार पांडेय ने कहा कि दो दिन में 58 प्राइवेट बसों की जांच की गई। अनफिट बसों पर कार्रवाई के लिए आरटीओ को सूचित किया गया है।



 
                                    



 
 
 
 
 
