Monday, September 22, 2025
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आईएमपीसीएल निजीकरण पर उठे सवाल: कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

देहरादून, 28 नवंबर – कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आज देहरादून के राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन में एक पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। माहरा ने कहा कि आईएमपीसीएल (इंडियन मेडिसिन फ़ार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड), जो अल्मोड़ा में आयुष मंत्रालय का एकमात्र सरकारी संस्थान है और प्राचीन शास्त्रीय विधि से आयुर्वेदिक व यूनानी औषधियों का निर्माण करता है, उसे केंद्र सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने की कोशिश कर रही है।

माहरा ने कहा, “आईएमपीसीएल को रणनीतिक निवेश के तहत सूचीबद्ध किया गया है और इसकी परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किया जा रहा है, जबकि यह कंपनी लगातार मुनाफे में चल रही है और हजारों कर्मचारियों के परिवार इससे पल रहे हैं। इसके बावजूद कंपनी को बेचने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।”

प्रबंध निदेशक पर गहराए निजीकरण के आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि कंपनी के प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार, भाजपा नेता रामलाल अग्रवाल के भांजे संजय गुप्ता के साथ मिलकर इस निजीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संजय गुप्ता की कंपनी इस निजीकरण में एक प्रमुख बोलीदाता के रूप में उभर रही है और गुप्ता 20 से अधिक सेल कंपनियों के निदेशक भी हैं। माहरा ने कहा, “इन कंपनियों में बड़े नेताओं का सीधा निवेश है और इनका उपयोग संपत्तियों को छुपाने और अनियमितताओं को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।”

कर्मचारियों और स्थानीय हितधारकों का विरोध

माहरा ने बताया कि आईएमपीसीएल कर्मचारी संघ और स्थानीय हितधारकों ने निजीकरण प्रक्रिया का कड़ा विरोध किया है, लेकिन उनकी बातों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस प्रक्रिया को तुरंत नहीं रोका और संबंधित अनियमितताओं की स्वतंत्र जांच नहीं की, तो कांग्रेस आंदोलन के लिए मजबूर होगी।

खाद्यान्न परिवहन बिलों पर भी सवाल

पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष ने खाद्यान्न परिवहन बिलों के लंबित भुगतान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं, चावल, दाल सहित अन्य खाद्य सामग्रियों के परिवहन बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। माहरा ने बताया, “डोरस्टेप डिलीवरी योजना के तहत चावल, दाल, नमक, और एमडीएम (मिड-डे मील) जैसे कार्यक्रमों से जुड़े बिल भी लंबे समय से अटके हुए हैं, जिससे ठेकेदार और इससे जुड़े अन्य लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसका असर आम जनमानस को मिलने वाली सुविधाओं पर भी पड़ रहा है।”

मांग और चेतावनी

करन माहरा ने सरकार से मांग की कि:

  1. आईएमपीसीएल के निजीकरण प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए।
  2. संजय गुप्ता और उनकी सेल कंपनियों की भूमिका की स्वतंत्र जांच की जाए।
  3. निजीकरण प्रक्रिया में शामिल नेताओं और कंपनियों का खुलासा किया जाए।
  4. खाद्यान्न परिवहन बिलों का तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

पत्रकार वार्ता में उपस्थित नेता

इस अवसर पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह, और राजकुमार जायसवाल भी उपस्थित थे।

कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि यदि इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।

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