Wednesday, November 5, 2025
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तीन दिवसीय किसान महाकुंभ में बोले राकेश टिकैत-11 साल की सरकार से पूछेंगे 11 सवाल

भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र की 11 साल की सरकार से किसानों के 11 सवाल पूछ जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार में किसानों के मुद्दे हाशिये पर हैं, सरकार की ओर से केवल व्यापारिक हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। सोमवार को धर्मनगरी में भारतीय किसान यूनियन के तीन दिवसीय किसान महाकुंभ में शुरू हुए चिंतन शिविर में चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा की ओर से सरकार के 11 साल पूरे होने पर अपनी उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं, मगर सच्चाई ये है कि इन 11 सालों में सरकार की नीतियां पूरी तरह से किसान के विरोध में रही हैं। सरकार की ओर से किसानों को धीरे-धीरे खत्म करने की योजना बनाई जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों के आंदोलन के समय किए गए वादों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है।

देश में पूंजीपतियों की सरकार चल रही है। उन्हें लाभ पहुंचाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं, जबकि किसानों को अपनी फसलों का मूल्य भी नहीं मिल रहा है। कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में शुगर मिलों की ओर से किसानों के बकाया गन्ने का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इकबालपुर शुगर मिल पर तो करोड़ों रुपये किसानों का वर्षों से बकाया चल रहा है।हरियाणा के किसानों का भी करीब 50 करोड़ रुपये बकाया है। पर, सरकार की ओर से गन्ना भुगतान नहीं कराया जा रहा है। जिससे किसानों पर खेतीबाड़ी के लिए भी पैसा नहीं है। किसान भारी आर्थिक परेशानियों से जूझकर देश के लिए अन्न पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को एकजुट किया जाएगा, ताकि, किसानों की समस्याएं हल हो सकें।इस मौके पर भाकियू के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी, हरिद्वार जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री, उदय त्यागी, बोबी, जगवीर, दर्शन सिंह देव, पंकज राणा आदि मौजूद रहे।

चिंतन शिविर में समस्याओं पर मंथन
चिंतन शिविर के पहले दिन सोमवार को पदाधिकारियों ने किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। मंथन करने के बाद समाधान के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। जिनमें किसानी से जुड़ी जमीनी समस्याएं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, बिजली के निजीकरण, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, दूध उत्पादक किसानों की दिक्कतें, भूमिहीन हो रहे किसानों की स्थिति और औद्योगीकरण के नाम पर कृषि भूमि का अधिग्रहण के मुद्दों पर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। मंगलवार को प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। जिन्हें सरकार को बुधवार को भेजा जाएगा।

वीआईपी घाट और लालकोठी पर कब्जा
भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के किसान महाकुंभ में पहुंचे देशभर के किसानों की ओर से वीआईपी घाट और लालकोठी पर कब्जा कर लिया गया। किसानों की ओर से अपने टैंट, तंबू गाड़ दिए गए हैं। इनमें किसानों की बैठेंगे चल रही हैं। किसानों की ओर से खाना-पीना बनाया जा रहा है। जिससे वीआईपी घाट भी पूरी तरह से फ्री हो चुका है। जिससे किसी को वीआईपी घाट पर पहुंचने के लिए कोई अनुमति नहीं लेनी पड़ रही है।

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