Sunday, September 21, 2025
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रक्षा क्षेत्र में नई तकनीक पर होगा शोध आईआईटी रुड़की के साथ रिसर्च करेगी सप्त शक्ति कमांड

भारतीय सेना शोध और विकास के क्षेत्र में तेजी से काम कर रही है। राजस्थान के जयपुर स्थित मिलिट्री स्टेशन सप्त शक्ति कमांड भी लगातार रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण और रिचर्स के काम पर जोर दे रहा है। अब इस काम में आईआईटी रुड़की भी उनका सहयोग करने जा रहा है। गुरुवार को लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर, सप्त शक्ति कमांड ने आईआईटी रुड़की के iHUB दिव्यसंप्रक, टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य दक्षिण पश्चिमी कमान और आईआईटी रुड़की के बीच रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और नवाचार का सहयोग करना है।इस दौरान आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने आईआईटी रुड़की के उन्नत अनुसंधान और विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण तथा विकसित भारत के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सप्त शक्ति कमांड के साथ सहयोग पर जोर दिया। आर्मी कमांडर ने कहा कि,हमारे पास शैक्षणिक जगत में, युवाओं में, प्रमुख तकनीकी संस्थानों में और विभिन्न स्टार्टअप्स में प्रतिभाओं का भंडार है। इसलिए नए आइडिया,इनोवेशन और रिसर्च में उनकी विशेषज्ञताओं का उपयोग करने की जरुरत है। ये हमारे भारत के रक्षा क्षेत्र के आत्मनिर्भरता के प्रयासों को और तेजी के साथ मजबूत करेगा।

सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह समेत अन्य वरिष्ठ सैन्य अफसरों ने आईआईटी रुड़की अधिकारियों के साथ रक्षा क्षेत्र में रिसर्च और आधुनिकीकरण समेत कई विषयों पर भी चर्चा की। इनमें मुख्य रूप से एआई , मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में तकनीकी नवाचार पर जोर दिया गया, ताकि आधुनिक युद्ध लड़ने की चुनौतियों के लिए तकनीकी समाधान खोजे जा सकें। दक्षिण पश्चिम कमान ने विभिन्न शोध और विकास परियोजनाओं और नई सैन्य तकनीकों को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ भी सहयोग किया है।दक्षिण पश्चिमी कमान देश के अग्रणी संस्थानों के साथ जुड़ने और सैन्य तकनीकी आवश्यकताओं के समाधान के लिए कई पहल कर रही है। आत्मनिर्भरता और विकसित भारत के अंतिम लक्ष्य के लिए रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण, तकनीकी अवशोषण और क्षमता विकास की दिशा में प्रयास किए गए हैं।

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