रुद्रपुर। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्य ने महिला कर्मी के उत्पीड़न और धमकी के मामले की आरोपी की ओर से पुनरीक्षण याचिका को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सिडकुल की एक कंपनी की महिला ने कहा कि वह छह सालों से एसेम्बली विभाग में कार्य कर रही है। कुछ महीनों से विभागाध्यक्ष प्रशान्त कुमार के कहने पर लाईन लीडर, प्रदीप व कौशल उसे काफी परेशान करते हैं। उसका धर्म अलग होने के कारण धर्म सूचक शब्दों का प्रयोग करते हैं। उसका कहना था कि विभागाध्यक्ष के प्रस्ताव को ठुकराने के चलते उसके साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है। आरोपी ने नौकरी करने के लिए उसकी बात मानने का दवाब बनाया।
तीन जुलाई 2024 को उनको ऑफिस में बुलाकर चरित्र पर उंगली उठाई गई। उनके धर्म पर टीका टिप्पणी की गई। उन्होंने 30 जुलाई 2024 को एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया था, मगर रिपोर्ट नहीं की गई। न्यायालय ने धारा 223 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत प्रशान्त कुमार, प्रदीप व कौशल को नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर दिया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने 17 दिसंबर 2024 को प्रशांत कुमार को धारा 197 और धारा 75 भारतीय न्याय संहिता में विचारण के लिए तलब करने का आदेश दिया।अदालत के आदेश के खिलाफ प्रशांत ने तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में 28 फरवरी 2025 को पुनरीक्षण दायर किया गया।अदालत ने सुनवाई के बाद पुनरीक्षणकर्ता की ओर से प्रस्तुत पुनरीक्षण को अस्वीकार कर दिया।