हेपेटाइटिस-ए और टाइफाइड संक्रमण अब मल्टी ऑर्गन फेलियर का कारण बन रहा है। ऐसी स्थिति में मरीजों के लीवर के साथ ही किडनी और ब्रेन भी प्रभावित हो रही है। दून अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में हर रोज हेपेटाइटिस-ए के 10 और टाइफाइड के करीब 22 मरीज पहुंच रहे हैं। दूषित खाना और पानी से हेपेटाइटिस-ए और टाइफाइड का खतरा बढ़ रहा है। पिछले 15 दिनों में इन मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुमार जी कौल के अनुसार हेपेटाइटिस-ए और टाइफाइड के मरीजों के लीवर के एंजाइम बढ़ जाते हैं। इसमें एसजीपीटी, सजीओटी, टोटल बिलरुबिन और डायरेक्ट बिलरुबिन एंजाइम शामिल हैं। इन सभी एंजाइम की मात्रा बढ़ने से लीवर में सूजन आ जाती है। चिकित्सक के मुताबिक इस तरह के मरीजों को शुरुआत में बुखार, सिर दर्द, पेट में दर्द, गले में दर्द, उल्टी, दस्त और भूख कम लगना आदि समस्याएं आती हैं।
दून अस्पताल में हाल ही में सामने आया था मल्टी ऑर्गन फेलियर का मरीज
चिकित्सक डॉ. कौल के मुताबिक दून अस्पताल में पांच दिन पूर्व एक 24 वर्षीय युवती को हेपेटाइटिस-ए की वजह से मल्टी ऑर्गन फेलियर की समस्या हो गई थी। इस वजह से उसका लीवर और किडनी प्रभावित हो गया था। युवती को यह परेशानी समय पर उपचार न शुरू करने पर आई थी। चिकित्सक के मुताबिक हेपेटाइटिस-ए और टाइफाइड संक्रमण का अगर पर उपचार न शुरू किया जाए तो यह बाद में मल्टी ऑर्गन फेलियर का मुख्य कारण बनता है। यह मरीजों के ब्रेन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
बाहर का खाना खाने से बढ़ रहा खतरा
चिकित्सक के मुताबिक हेपेटाइटिस-ए और टाइफाइड की चपेट में आने वाले में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जो घर से बाहर रहते हैं। ऐसे लोगों को बाहर से खाना खाना पड़ता है। इसमें बड़ी संख्या में कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हैं। उन सभी को शुद्ध खाना खाने की हिदायद दी जा रही है।
बचाव के उपाय
घर का बना खाना खाएं।
सुबह-शाम गरम पानी का सेवन करें
बाहर खुला हुआ पानी न पिएं
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं