जौलीग्रांट। बड़कोट वन रेंज के अंतर्गत जाखन दो में खनन कार्य शुरू करने के लिए वन विभाग की टीम की ओर से नदी में पिलर लगाकर सीमाकंन का कार्य शुरू कर दिया गया है। नदी के दोनों किनारों से 25-25 प्रतिशत छोड़कर नदी के कुल 50 फीसदी बीच के हिस्से से ही खनन कार्य किया जाएगा।जाखन दो आरक्षित वन क्षेत्र में पिछले करीब छह वर्षों से खनन पर रोक लगी हुई थी। भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद करीब पांच किलोमीटर लंबाई क्षेत्र में नदी से खनन कार्य किया जाएगा। जिसके लिए बड़कोट वन रेंज की टीम इन दिनों नदी में पिलर लगाकर सीमांकन का कार्य कर रही है। सीमाकंन कार्य करने के बाद वन विकास निगम नदी में रैंप बनाकर खनन तौल कांटा लगाकर खनन कार्य शुरू करेगा।रानीपोखरी शांतिनगर में प्राइवेट खनन लॉट के पास से लेकर माजरीग्रांट तक नदी में खनन कार्य किया जाएगा। इससे लोगों को निर्माण कार्यों के लिए खनिज सामग्री आसानी से उपलब्ध होगी। इस वर्ष अच्छी बरसात होने से नदी में काफी मात्रा में खनिज आया है। ऐसे में खनन कार्य से वन विकास निगम के माध्यम से सरकार को अच्छे राजस्व की प्राप्ति हो सकती है।
नदी में बाढ़ से भी मिलेगी निजात
जौलीग्रांट। 15-16 सितंबर को नदी में आई बाढ़ के कारण जाखन नदी के किनारे अठूरवाला में कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। वार्ड नौ के सभासद प्रदीप नेगी ने कहा कि जाखन नदी ने अठूरवाला की तरफ काफी कटाव किया है। नदी के बीच में खनन कार्य होने से पानी सीधे आगे बढ़ जाएगा जिससे कटाव नहीं होगा।जाखन दो में खनन कार्य शुरू करने के लिए वन विभाग की टीम नदी के दोनों किनारों से 25-25 प्रतिशत हिस्से को छोड़कर पिलर लगा रही है। नदी का सीमांकन पूरा होने के बाद वन विकास निगम की ओर से खनन कार्य किया जाएगा। खनन कार्य चार फीट से गहरा नहीं होना चाहिए। – धीरज रावत, रेंजर बड़कोट