रुद्रपुर। जिला प्रशासन ने भी 20 लाख रुपये जिला योजना से दिए थे। जिससे संजय वन में झूले, बेंच, पार्क, हट को ठीक करने के साथ ही सेल्फी प्वाइंट बनाए गए थे। डेढ़ किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले संजय वन की दशा सुधरने के बाद पर्यटकों का रुख भी बढ़ा है। संजय वन चेतना केंद्र के दिन बहुरने के साथ ही पर्यटकों की आमद में इजाफा हो रहा है। तीन साल में संजय वन में पर्यटकों की आमद तीन गुना बढ़ गई है। तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज में करीब पांच दशक पहले संजय वन चेतना केंद्र बनाया गया था। इस चेतना केंद्र में पाताल तोड़ कुआं, नेचर ट्रेल, नवगृह वाटिका के साथ ही पर्यटक जैवविविधता और वन्यजीवों के दीदार भी करते थे।
रुद्रपुर से आठ किलोमीटर दूरी पर हल्द्वानी मार्ग पर स्थित संजय वन चेतना केंद्र में पर्यटक सुकुन की तलाश में पहुंचते थे। लेकिन धीरे -धीरे संजय वन बजट और दूसरी वजहों से बदहाल हो गया था। दो साल पहले रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बदहाल संजय वन की सुध ली और अधिकारियों को पर्यटन सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने संजय वन को ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया था। इसके बाद संजय वन के दिन बहुरने शुरू हुए थे। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में संजय वन में 15938 पर्यटकों से 1,11,000 रुपये का राजस्व मिला था। वर्ष 2023-24 में 25732 पर्यटकों से 3,99,280 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। पर्यटकों की बढ़ती संख्या से वन महकमा भी उत्साहित है।
संजय वन का शुल्क
भारतीय पर्यटक- 20 रुपये
विदेशी पर्यटक-200 रुपये
12 साल से कम आयु के बच्चे-निशुल्क
व्यवसायिक कैमरा शुल्क-5000 रुपये
कोट
संजय वन में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। पर्यटन शुल्क से विभाग को अच्छा राजस्व भी मिल रहा है। – यूसी तिवारी, डीएफओ







