हल्द्वानी। स्कूल बसों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही हैं। बृहस्पतिवार सुबह यातायात पुलिस ने लालडांठ तिराहे पर पांच बसें रोकीं तो चार में फर्स्ट एड मेडिकल किट में एक्सपायरी दवाएं मिलीं। डेटॉल और बीटाडीन भी कालातीत हो चुके थे। एक बस का पीयूसी सर्टिफिकेट (प्रदूषण प्रमाणपत्र) नहीं था। इस पर पांचों बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई। यातायात निरीक्षक महेश चंद्रा ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह सात से आठ बजे के बीच कालाढूंगी मार्ग पर लालडांठ तिराहे के पास वाहनों की चेकिंग की गई। इस दौरान चार स्कूल बसों को रोका गया। चारों के मेडिकल किट में लापरवाही दिखी। चारों बसों में रखी डेटॉल की शीशी एक्सपायर हो चुकी थी। दो बसों में रखे बीटाडीन के मलहम भी अपनी मियाद अवधि पूरी कर चुके थे। किसी में गंदी रूई थी तो किसी ने पट्टी में नदारद थी। कुछ दवाएं थी लेकिन उसकी भी एक्सपायरी तिथि नजदीक थी।टीआई महेश चंद्रा ने बताया कि चार बसों का 500-500 रुपये का चालान काटते हुए चालक व अटेंडेंट को तत्काल मेडिकल किट सही कर रखने के लिए कहा गया है। इस दौरान एक अन्य स्कूल बस को रोका गया तो इसका प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं था। उसका 2500 का चालान काटा गया।
ऑटो चालक पर भी कार्रवाई
बगैर वर्दी ऑटो चला रहे दो चालकों पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। एक ऑटो चालक के पास डीएल न होने पर उसका 2500 रुपये का चालान और उसके ऑटो की आरसी जब्त कर ली गई। स्कूली बसों को समय-समय पर चेक करते हैं। फिर से अभियान चलाकर स्कूली बसों में सुरक्षा उपकरण को चेक किया जाएगा। – अरविंद पांडे, आरटीओ प्रवर्तन
स्कूल बसों में ये चीजें होना जरूरी
बस के अंदर अग्निशामक यंत्र
फर्स्ट-एड बॉक्स।
क्षैतिज ग्रिल वालीं खिड़कियां
मजबूत लॉक वाला द्वार
स्कूली बस लिखा होना जरूरी।
जीपीएस ट्रैकिंग
एक प्रशिक्षित अटेंडेंट
वाहन की गति सीमा 40 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा न हो।
बस प्रदूषण प्रमाण पत्र व अन्य कागज वैध हो।







