आईआईटी बीएचयू में एक ऐसी सुपर बैटरी की खोज हुई है जो कि स्वच्छ ऊर्जा (सौर, पवन आदि) की भंडारण क्षमता को तीन गुना ज्यादा तक बढ़ा सकती है, वहीं इसका आकार घर की इनवर्टर बैटरी से तीन गुना कम होगा। देश में पहली बार सिरामिक इंजीनियरिंग विभाग में पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड डबल आयन बैटरी का प्रोटोटाइप तैयार करने में सफलता मिली है। वैज्ञानिकों का दावा है कि घर-घर में बन रही सोलर बिजली से ग्रिड पर बढ़ते अतिरिक्त भार और कम होती भंडारण क्षमता की राष्ट्रीय चिंता भी दूर हो सकेगी। यह रिसर्च अंतरराष्ट्रीय जर्नल ऑफ पॉवर सोर्सेज में प्रकाशित हो चुका है। इस तकनीक का एक पेटेंट भी फाइल कर दिया गया है।
विभाग के वैज्ञानिक डॉ. प्रीतम सिंह और उनकी रिसर्च टीम ने इस प्रोटोटाइप को तैयार किया है। डॉ. सिंह के अनुसार, 2030 तक भारत को रिन्यूएबल एनर्जी के लिए 61,000 मेगावाट स्टोरेज चाहिए। मगर वर्तमान में सिर्फ 442 मेगावाट स्टोरेज ही है। डॉ. सिंह ने बताया कि देश में पोटेशियम आयन बैटरी देश में कई जगह तैयार हो रही है लेकिन ये लिथियम आयन बैटरी के विकल्प के रूप में विकसित हो रही है। इस रिसर्च में सेल ग्रिड के साथ अंकित राज, नीरज कुमार मिश्रा, कृष्ण गोपाल निगम, अभिजीत सिंह, सोहम मुखर्जी, आशा गुप्ता, अखिलेश सिंह रहे।



                                    



