गोरखपुर नगर निगम की ओर से शहर के पुराने 70 वार्डों के बाद अब नए 10 वार्डों में भी भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) सर्वे के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण किया जा रहा है। यहां कर निर्धारण में पहले की ही तरह त्रुटियां ज्यादा है।जहां सीवर लाइन बिछी नहीं हैं वहां भी सीवर टैक्स लगा दिया। नए वार्ड हरसेवकपुर में कई लोगों को दो वार्ड के बिल थमा दिए गए। इसमें भी टैक्स का 10 गुना एरियर और ब्याज जोड़कर आ गया है। भारी भरकम बिल देखकर वार्डवासी तनाव में हैं।वार्ड 31 निवासी विद्यानंद सिंह बघेल ने बताया कि सितंबर पहले सप्ताह में उन्हें नगर निगम से हाउस टैक्स का बिल मिला है। बिल में 6877 रुपये एरियर और 5675 रुपये ब्याज जोड़ा गया है। उनका घर वार्ड नंबर 31 में है, जबकि बिल वार्ड नंबर 28 का दिया गया है।
नगर निगम में उन्होंने बिल को ठीक कराने के लिए आवेदन भी दिया है लेकिन अभी तक ठीक नहीं हुआ। इसी तरह हरिसेवकपुर वार्ड के सालिकग्राम के विशाल सिंह का कहना है कि उनकी मां सुनैना सिंह के नाम से हाउस टैक्स को 6500 रुपये सालाना का बिल मिला है।उनका बिल तीन गुना ज्यादा आया है। इसी तरह रुस्तमपुर, बेतियाहाता, महुईसुधरपुर आदि मोहल्लों में सीवर लाइन बिछी ही नहीं है और सीवर टैक्स जोड़ दिया गया। यहां के लोग भी बिल देखकर परेशान हैं। यहां के पार्षद पति संत गुलाब का कहना है कि बिल में खामियां ज्यादा हैं। अभी बहुत सारे लोगों को बिल मिला भी नहीं है। बढ़कर आए बिल को लेकर नगर निगम में आपत्ति दर्ज कराई गई है।
खुद कर सकते हैं बिल की जांच
नगर निगम के हाउस टैक्स सही हैं या गलत निर्धारण हुआ है इसकी जांच खुद कर सकते हैं। मसलन, अगर 1000 वर्ग फुट में मकान बना है तो कवर्ड एरिया 80 प्रतिशत ही माना जाएगा। यानी 800 वर्ग फुट पर कर लगाया जाएगा। इसमें तय सर्किल रेट से गुणा करें। एक महीने का टैक्स निकल जाएगा, फिर 12 महीने से गुणा करें तो सालाना टैक्स निकल जाएगा।अगर 10 वर्ष तक पुराना मकान है तो 25 प्रतिशत, 10 से 20 वर्ष तक 32 प्रतिशत, 20 वर्ष से अधिक पुराने मकान पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इस छूट के बाद जितना बिल आएगा उस पर 12 प्रतिशत हाउस टैक्स, 12 प्रतिशत वाटर टैक्स और तीन प्रतिशत सीवर टैक्स लगेगा। यही अंतिम सालाना बिल होगी।दो नए वार्डां में सर्वे कराकर हाउस टैक्स का वितरण कराया जा रहा है। दो और वार्ड में जल्द ही बिल वितरित होंगे। अगर किसी को लगता है कि उनका बिल अधिक आया है तो आपत्ति कर सकते हैं, जांच कराकर बिल की त्रुटि को ठीक कराया जाएगा: – दुर्गेश मिश्र, अपर नगर आयुक्त







