Sunday, September 21, 2025
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12 जीवनदायिनी उम्र पार कर चुकी हैं फिर भीकर रही है भागमभाग

अल्मोड़ा। जिला मुख्यालय सहित जिले के 11 विकासखंडों में बीमारों और गर्भवतियों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए आपातकालीन सेवा 108 की 22 एंबुलेंस का संचालन होता है। हर रोज ये एंबुलेंस 80 से अधिक मरीजों और गर्भवतियों को अस्पताल पहुंचाती हैं। 12 एंबुलेंस ऐसी हैं जो अपनी उम्र पार कर चुकी हैं और फिर भी सड़कों पर दौड़ रही हैं। मानकों के मुताबिक ये एंबुलेंस ढाई लाख किमी का सफर तय करने के साथ पांच साल की उम्र पूरी कर चुकी हैं, इन्हें उपयोग में नहीं लाया जा सकता। नई एंबुलेंस की व्यवस्था न होने से इन्हें ही सड़कों पर दौड़ाना मजबूरी बन गया है जो मरीजों और गर्भवतियों पर भारी पड़ रहा है। नई एंबुलेंस कब मिलेंगी, इसका किसी को पता नहीं है। आपातकालीन सेवा 108 मरीजों और गर्भवतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है और इसे पहाड़ों की लाइफलाइन कहा जाता है। वर्तमान में यह सेवा बदहाली के दौर से गुजर रही है। अल्मोड़ा जिले में अधिकतर एंबुलेंस अपनी उम्र पार कर चुकी हैं, फिर भी इन्हें सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। जिले में संचालित 22 में से 12 एंबुलेंस पहाड़ों पर संचालन के मानक पूरे कर चुकी हैं। बूढ़ी एंबुलेंस आए दिन सड़कों पर हांफ रही हैं और मरीजों, गर्भवतियों की जान आफत में फंस रही है।

खराब एंबुलेंस को हल्द्वानी भेजना मजबूरी
अल्मोड़ा। आए दिन 108 एंबुलेंस में खराबी आने से ये सड़कों पर खड़ी हो रही हैं। स्थानीय स्तर पर इनकी खराबी को दूर करने की व्यवस्था न होने पर इन्हें हल्द्वानी भेजना मजबूरी है। ऐसे में कई दिन बाद एंबुलेंस वापस अल्मोड़ा पहुंचती हैं, इसकी सीधी मार मरीजों और गर्भवतियों को सहनी पड़ती है।

केस एक
बीते नौ अप्रैल को ताकुला से मरीज को लेकर जिला अस्पताल आ रही 108 एंबुलेंस चार किमी पहले खराब होने से बीच सड़क पर खड़ी हो गई। चालक को इसे सड़क किनारे खड़ा करना पड़ा और तीमारदार किसी तरह अन्य वाहन से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे। तीन दिन तक एंबुलेंस वहीं खड़ी रही।

केस दो
बीते वर्ष अप्रैल में लमगड़ा विकासखंड में संचालित 108 एंबुलेंस छड़ौजा के पास डेढ़ माह तक खड़ी रही। मरीज को अस्पताल ला रही एंबुलेंस में खराबी आ गई जो लंबे समय बाद दूर हो सकी। मरीज को अन्य एंबुलेंस भेजकर अस्पताल पहुंचाया गया।

कोट
12 एंबुलेंस पुरानी हैं। समय-समय पर इनकी मेंटीनेंस की जाती है। यदि रास्ते में एंबुलेंस में खराबी आती है तो मरीजों के लिए अन्य एंबुलेंस भेजी जाती है।- मनोज सामंत, जिला प्रभारी, आपातकालीन सेवा 108, अल्मोड़ा।

कोट
नई एंबुलेंस के लिए निदेशालय से पत्राचार किया गया है। नई एंबुलेंस के साथ ही इनकी संख्या भी बढ़ानी जरूरी है, इसके लिए भी मांग की गई है। – डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा।

अन्य जिलों की स्थिति
बागेश्वर -10 में से पांच एंबुलेंस पांच साल पुरानी

जिले में 10 में से पांच एंबुलेंस पांच साल पुरानी हैं। तीन साल से एक भी नई 108 एंबुलेंस नहीं मिली है। जिले को 108 आपातकालीन सेवा की पांच एंबुलेंस 2019 में मिलीं थीं। पांच एंबुलेंस 2021 में मिलीं। ये 108 एंबुलेंस डेढ़ से दो लाख किमी चल चुकी हैं। सभी एंबुलेंस चालू हालत में हैं। सभी एंबुलेंस में एयर कंडीशनर के साथ ही लाइफ जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध हैं। 108 आपातकालीन सेवा के जिला प्रभारी रोहित जीना के अनुसार किसी भी एंबुलेंस की पहाड़ पर चलने की समय सीमा पूरी नहीं हुई है। जिला अस्पताल के पास पांच एंबुलेंस हैं। सभी सही हालत में हैं, लेकिन चालक तीन ही तैनात हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. वीके टम्टा का कहना है कि चालकों की कमी से कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है।

नैनीताल-18 एंबुलेंस चालकों की कमी
जिले में 18 एंबुलेंस हैं। चालकों की है कमी बनी हुई है। बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल में तीन एंबुलेंस, एक में है एडवांस लाइफ सपोर्ट सुविधा। जीबी पंत अस्पताल नैनीताल, पीएचसी ओखलकांडा, बेतालघाट, बैलपड़ाव, सीएचसी भवाली, गरमपानी, कोटाबाग, कालाढूंगी, पीएचसी मोटाहल्दू, एपीएचसी मालधन चौड़, महिला अस्पताल हल्द्वानी में एक-एक एंबुलेंस। बेस अस्पताल हल्द्वानी और संयुक्त अस्पताल रामनगर में दो-दो एंबुलेंस। सीएमओ डॉ. श्वेता भंडारी ने बताया कि एंबुलेंस पर्याप्त हैं। चार -पांच एंबुलेंस चालकों की कमी जरूर है। इनकी नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है

108 सेवा के लिए 23 वाहन
जिले में 108 सेवाएं सभी सीएचसी,पीएचसी में चल रही हैं। 108 सेवा के जिला समन्वयक सीपी टम्टा ने बताया कि इनमें कई चार साल तो कुछ तीन साल पहले आए हैं। 23 वाहनों में ऑक्सीजन मशीन, सक्षम मशीन, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर, लाइफ सेविंग ड्रग के अलावा अन्य जरूरी दवाईयां उपलब्ध हैं। एक एंबुलेंस में एक फार्मासिस्ट और एक चालक रहता है।

पिथौरागढ़-27 एंबुलेंस, पांच नए के लिए प्रस्ताव
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा 18 और नौ एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग के पास हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पांच नए एंबुलेंस के लिए प्रस्ताव भेजा है। सीएमओ डॉ. एचएस ह्यांकी ने बताया कि जल्द ही एंबुलेंस आने की उम्मीद है। 108 के जिला प्रभारी भाष्कर शर्मा ने बताया कि सभी 108 वाहन अच्छी स्थिति में हैं उनका लगातार संचालन किया जा रहा है।

चंपावत-दस 108 एंबुलेंस, सभी सही हालत में
जिले में कुल दस 108 आपात एंबुलेंस सभी की स्थिति ठीक है। सीएमओ डॉ.केके अग्रवाल ने बताया कि जिले के दस वाहन 108 सेवा में लगे हैं। चंपावत में दो वाहन, लोहाघाट में एक, बाराकोट में एक, मंच में एकन, किमतोली में एक, पाटी में एक, रीठा में एकन, टनकपुर में एक, सूखीढांग में एक वाहन आपात सेवा के लिए लगाया गया है।

ऊधमसिंह नगर : पांच सरकारी एंबुलेंस का स्वास्थ्य खराब
जेएलएन चिकित्सालय रुद्रपुर, एलडी भट्ट उप जिला चिकित्सालय काशीपुर, उप जिला चिकित्सालय खटीमा, सितारगंज, बाजपुर समेत सभी सीएचसी व पीएचसी में 27 एंबुलेंस हैं। इनमें उप जिला चिकित्सालय बाजपुर और सितारगंज की एक-एक एंबुलेंस एवं सीएचसी किच्छा की एक एंबुलेंस 15 साल से अधिक पुरानी हो गई हैं। इन एंबुलेंस की नीलामी होगी। वहीं, उप जिला चिकित्सालय काशीपुर और सीएचसी गदरपुर की एंबुलेंस खराब हो गई है। ये पांचों अस्पताल पूरी तरह से 108 एंबुलेंस या फिर खुशियों की सवारी एंबुलेंस के सहारे चल रहे हैं।

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