गदरपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद महिलाओं ने अपनी आर्थिक बेड़ियों को तोड़ते हुए आर्थिक आजादी की उड़ान शुरू कर दी है। महिलाएं एलईडी बल्ब बनाने के बाद उसे बेचकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। विकासखंड के ग्राम कौशलपुर में 10 महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वर्ष 2019 में भारत सरकार स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन से दिक्कत हो गई। समूह की कोषाध्यक्ष मनप्रीत कौर ठुकराल ने लॉकडाउन के दौरान यूट्यूब की मदद लेकर एलईडी बल्ब बनाने की विधि सीखी। धीरे-धीरे समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं ने भी बल्ब बनाने का काम सीख लिया। महिलाओं ने सीसीएल से मिले 20 हजार रुपये के फंड से बल्ब बनाना शुरू किया और वर्ष 2024 में रीप योजना से जुड़कर समूह को एक लाख रुपये का ऋण मिला। इससे महिलाओं ने एलईडी बल्ब बनाने की मशीन और उपकरण खरीदे।
उन्होंने विकासखंड सभागार में आयोजित प्रदर्शनी में अपना स्टॉल लगाकर हस्तनिर्मित एलईडी बल्ब की बिक्री शुरू की। महिलाओं ने बल्ब बनाने के साथ ही उसकी रिपेयरिंग भी सीखी। इसके अलावा साधारण एलईडी बल्ब बनाने के साथ उन्होंने म्यूजिकल आउट सेवन लाइट बल्ब बनाना भी शुरू कर दिया। आसपास आयोजित होने वाले बहुउद्देशीय शिविर और मेलों में स्टॉल लगाकर महिलाओं ने इन्हें बेचकर आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना शुरू किया। समूह की कोषाध्यक्ष मनप्रीत कौर ठुकराल ने बताया कि महिलाएं प्रतिमाह दो से तीन हजार रुपये के बल्ब बनाकर बेच रही हैं। उनका कहना है कि करीब एक साल में उन्होंने लगभग 25 हजार रुपये का लाभ अर्जित किया है। महिलाओं का कहना है कि उनको जो लाभ अर्जित हो रहा है उसको कारोबार में लगाकर और वृहद रूप प्रदान करने की इच्छा है। बीडीओ, गदरपुर अतिया परवेज ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिला समूहों के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है। प्रदेश और केंद्र सरकार महिला समूहों को सशक्त बनाने के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का सृजन कर रही है।