हल्द्वानी। शहरी नदी प्रबंधन योजना के तहत राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ अर्बन अफेयर्स और ली एसोसिएट्स की संयुक्त टीम ने हल्द्वानी–काठगोदाम व रामनगर क्षेत्र के सर्वे का काम पूरा कर लिया है।नौ व दस अक्तूबर को हुए स्थलीय निरीक्षण के बाद राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के मॉनिटरिंग विशेषज्ञ रोहित ज्याड़ा ने बताया कि इसका उद्देश्य विभागीय समन्वय से नदी केंद्रित शहरी योजना के कार्यों को धरातल पर उतारना है। ल्द ही हल्द्वानी काठगोदाम और रामनगर के के लिए प्रारंभिक निष्कर्ष एवं सुझावों को संकलित कर आगामी चरण में शहरी नदी प्रबंधन योजना के ड्राफ्ट प्लान में शामिल किया जाएगा। टीम ने दोनों नगरों में नदी तटीय क्षेत्र, अपशिष्ट प्रबंधन, पुनः उपयोग योग्य जल, नालों की स्थिति एवं शहरी जल-प्रणालियों के एकीकृत प्रबंधन की भी समीक्षा की।
लिगेसी वेस्ट व सीवेज शोधन संयंत्र को देखा
हल्द्वानी–काठगोदाम क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान टीम ने नगर निगम हल्द्वानी के लिगेसी वेस्ट साइट, सीवेज शोधन संयंत्र, कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र, नदी तटीय क्षेत्र, हल्द्वानी नाला एवं काठगोदाम नाले का भ्रमण किया। इस दौरान उत्तराखंड पेयजल निगम के अभियंता ने एसटीपी संचालन व्यवस्था एवं प्रस्तावित 20 केएलडी को-ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में भी जानकारी दी जबकि वन विभाग के अधिकारियों ने नदी तटों पर पौधरोपण व तटीय क्षेत्र संरक्षण, नगर निगम अधिकारियों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अपशिष्ट निस्तारण की प्रगति के बारे में बताया।
सीवर योजना व तटीय कार्य क्षेत्रों का किया निरीक्षण
रामनगर में टीम ने कोसी बैराज, सात एमएलडी के एसटीपी, नालों की स्थिति, वार्ड एक से छह तक की सीवर योजना व तटीय कार्य क्षेत्रों का निरीक्षण किया। पेयजल निगम के अभियंता ने एसटीपी संचालन एवं 32 केएलडी को-ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति के बारे में बताया।