देहरादून/रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते बड़ा नुकसान हुआ है. सबसे अधिक प्रभावित रुद्रप्रयाग जिला रहा। यहां भारी बारिश के चलते आपदा जैसे हालात बने, साथ ही हजारों की संख्या में लोग जगह-जगह पर फंस गए। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर कई जगह पर सड़क क्षतिग्रस्त होने की वजह से हजारों लोग अलग-अलग जगह पर फंस गए थे। जिनके राहत बचाव का कार्य जारी है। क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ मार्ग और अन्य सुविधाओं को ठीक करने के लिए विभागीय सचिव मौके पर ही मौजूद हैं। ये अधिकारी तब तक प्रभावित क्षेत्र में कैंप लगाकर प्रवास करेंगे जब तक व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो जातीं।
सचिवों ने डाला केदारनाथ यात्रा मार्ग पर डेरा। वर्तमान समय में पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय, आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे और राष्ट्रीय राज्य मार्ग के मुख्य अभियंता दयानंद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं। यह सभी अधिकारी धाम की व्यवस्थाएं मुकम्मल होने तक प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर प्रवास करेंगे। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी आज मंगलवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरीक्षण और स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं. इस दौरे के दौरान सीएम धामी स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे।
अभी तक इतने श्रद्धालु हुए रेस्क्यू। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर करीब एक हफ्ते पहले हुई भारी बारिश के चलते जान माल को काफी नुकसान पहुंचा है. साथ ही अलग-अलग जगह पर फंसे हजारों श्रद्धालुओं के राहत बचाव का कार्य का आज छठवां दिन है। अभी तक 11,775 श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका है। केदारनाथ से 274 श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट किया गया है। लिंचौली और भीमबली से 2,918 लोगों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है. लिंचौली और भीमबली से पैदल 739 लोगों का रेस्क्यू हुआ है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग पैदल मार्ग से 7,769 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है। चीड़बासा से 75 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। 50 श्रद्धालु ऐसे हैं जो अपने मन से रुके हुए हैं।आज सीएम का हवाई और स्थलीय निरीक्षण: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग का रेस्क्यू अभियान लगभग संपन्न हो गया है।देश भर के बड़ी संख्या में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला जा चुका है. हेलीकॉप्टर के जरिए भी रेस्क्यू किया गया है।राज्य हेलीकॉप्टर के साथ ही चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों के जरिए रेस्क्यू किया गया। ऐसे में अब राज्य सरकार का फोकस है कि जो सड़क, पेयजल लाइन, विद्युत लाइन समेत अन्य चीजें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उनको जल्द से जल्द ठीक किया जाए और केदारनाथ धाम की यात्रा को सुचारू किया जाए।