काशीपुर। लगभग आठ साल बाद भी 35.38 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) शुरू नहीं हो सका है। विभाग ने मार्च 2024 में प्लांट को शुरू करने की बात कही थी। अब कहा जा रहा है बिजली आपूर्ति की समस्या के चलते प्लांट शुरू करने में देरी हो रही है।केंद्र सरकार के वर्ष 2015 में अमृत योजना के तहत कार्यदायी संस्था ने वर्ष 2017 में मुरादाबाद रोड स्थित पेयजल निगम प्रांगण के पास एसटीपी बनाने का कार्य शुरू किया था। इसको वर्ष 2021 में पूरा किया जाना था, लेकिन तय समय में भी ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद विभाग ने कंपनी को मार्च 2023 तक का समय दिया, फिर भी काम पूरा नहीं हो सका।पिछले साल अगस्त तक मशीनों को स्थापित कर प्लांट शुरू किया जाना था, लेकिन कार्यदायी संस्था की ओर से हो रही देरी के चलते काम रुका रहा। इतना ही नहीं, प्लांट शुरू होने में देरी के लिए विभाग की ओर से कार्यदायी निर्माण कंपनी पर 70 लाख रुपये का जुर्माना भी लग चुका है। वहीं मार्च 2024 तक प्लांट शुरू करने का दावा किया गया था। तय समय सीमा भी गुजर गई, लेकिन प्लांट शुरू नहीं हो सका।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने निर्माणाधीन एसटीपी का 24 जून 2024 को निरीक्षण किया था। उस दौरान कार्य की गति धीमी पाए जाने पर उन्होंने जल निगम के अधिकारी-कर्मचारियों की फटकार लगाई थी। साथ ही जुलाई माह में ट्रायल करने को लेकर दिशा निर्देश दिए था। इस दौरान बिजली का कनेक्शन नहीं होने की बात भी सामने आई थी। इसके बाद शहरी विकास मंत्री ने खुद विद्युत निगम के ईई से बात कर जल्द बिजली की समस्या को दूर करने का निर्देश दिया था।एसटीपी में लक्ष्मीपुर माइनर व कलश मंडप के दूषित पानी के अलावा सेफ्टी टैंक के गंदे पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसके बाद साफ पानी को ढेला नदी में छोड़ा जाएगा और सिंचाई के काम में लिया जाएगा। – शिवम द्विवेदी, ईई जल निगम।
प्लांट में विद्युत आपूर्ति की समस्या खड़ी आ रही थी, जिसे दूर कर दिया गया है। जिस कंपनी ने प्लांट स्थापित किया है उसके तकनीकीकर्मी शीघ्र आकर प्लांट को शुरू कराएंगे और आवश्यक जानकारी देंगे। इसके बाद प्लांट सुचारू रूप से काम करना शुरू कर देगा। – सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता, यांत्रिक शाखा।