श्रीनगर। उत्तराखंड के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय यानी एचएनबी गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति नहीं होने पर छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से छात्रों को डिग्री भी नहीं मिल पा रही है। साथ ही समस्या ये है कि कुलपति की नियुक्ति को लेकर फिलहाल कोई स्थिति स्पष्ट नजर नहीं आ रही है। बीती 30 अक्टूबर को गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थायी कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया था। केंद्रीय विवि एक्ट के तहत अस्थायी तौर पर नए कुलपति की नियुक्ति न होने या किसी वरिष्ठ प्रोफेसर को चार्ज न मिलने तक कुलपति का अपने पद पर बने रहने का प्रावधान है। लेकिन इस संदर्भ में शिक्षा मंत्रालय की ओर से कोई दिशा निर्देश नहीं मिल पाए हैं। कुलपति प्रो. नौटियाल के कार्यकाल को पूरा हुए 10 दिन से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से इस मामले में विवि को कोई निर्देश न मिलने पर वर्तमान कुलपति की नियुक्ति को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इससे विवि का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। हस्ताक्षर न होने से छात्रों को उनकी डिग्रियां भी नहीं मिल पा रही हैं।
वहीं छात्र भी काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि वो अपनी समस्या किस के पास लेकर जाएं. छात्र भी पूरी तरह के कन्फ्यूज दिख रहे हैं। छात्रों का कहना है कि 10 दिनों से ज्यादा का वक्त हो चुका है। लेकिन अभीतक गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी को स्थायी कुलपति नहीं मिल सका है. कुलपति के साइन के बिना छात्रों की डिग्री भी अटकी पड़ी है। यदि कुलपति के पद पर नियुक्ति का मामला सुलझ जाता है तो छात्रों को उनकी डिग्रियां जल्द मिल सकेंगी। साथ में विवि में चल रहे अधिकारियों का टोटा भी समाप्त होगा और नए अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्दी शुरू हो सकेगी.इस बारे में जब गढ़वाल विवि के अस्थाई कुलसचिव प्रो एनएस पंवार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी कुलपति पद को लेकर मंत्रालय से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। उम्मीद है कि एक हफ्ते के अंदर उन्हें कोई दिशा-निर्देश जारी होंगे। कुलसचिव भी मान रहे हैं कि कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से यूनिवर्सिटी का काम भी प्रभावित हो रहा है, लेकिन अगला आदेश आने तक वो फिलहाल कुछ नहीं कह सकते हैं।