नैनीताल। हैप्पीनेस वुमन कलेक्टिव एवं आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की ओर से शनिवार को उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला रंगवाली पिछौड़ा का संरक्षण पर कार्यशाला आयोजित की। इसमें विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को पिछौड़ा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और इसे बनाना भी बताया।गोवर्धन हॉल में हुई कार्यशाला में सात सरकारी विद्यालयों के 110 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षक ज्योति साह और भगवती सुयाल ने पिछौड़ा निर्माण की पारंपरिक तकनीक, हाथ की छपाई, प्राकृतिक रंगों का प्रयोग, पारंपरिक प्रतीक आदि के बारे में बताया। बच्चों ने छोटे रूप में रंगवाली पिछौड़ा भी बनाई। विशिष्ट अतिथि ईशा साह और अंजू जगाती रहीं।इस मौके पर रेशमा टंडन, कविता गंगोला, सुनीता वर्मा, मंजू बिष्ट, किरण टंडन, बीना शर्मा, ममता गंगोला, पूजा शाही, ज्योति मेहरा, पूजा मल्होत्रा, श्वेता अरोरा, रमा तिवारी, विमला कफल्टिया, नेहा डालाकोटी आदि मौजूृद रहीं।
विद्यार्थियों ने पारंपरिक पिछौड़ा बनाना सीखा
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