Friday, November 14, 2025
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विद्यार्थियों को बीएससी, बीकॉम पीजी पाठ्यक्रम शुरू होने का इंतजार

अल्मोड़ा/ लमगड़ा। एमए की पढ़ाई के लिए भी युवाओं को धक्के खाने पड़ते हैं। क्षेत्र के युवा उच्च शिक्षा के लिए पलायन को मजबूर हो रहे हैं। लमगड़ा में महाविद्यालय होने के बावजूद क्षेत्र के युवाओं को विज्ञान और वाणिज्य की शिक्षा नहीं मिल पा रही है। जिस कारण विद्यार्थी बीए की पढ़ाई करने को मजबूर है। वर्ष 2014 में लमगड़ा में राजकीय महाविद्यालय की स्थापना हुई थी। महाविद्यालय खुलने के बाद क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का लाभ मिलने की उम्मीद थी लेकिन विद्यार्थियों को विज्ञान और वाणिज्य शिक्षा का ज्ञान लेने के लिए भटकना पड़ रहा है। महाविद्यालय में केवल बीए की कक्षाएं ही संचालित होती हैं। बीकॉम,बीएससी, एमए, एमकॉम, एमएससी पाठ्यक्रम को एक दशक गुजरने के बाद भी स्वीकृति नहीं मिली है। इंटर के बाद कई विद्यार्थी विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन महाविद्यालय में ये पाठ्यक्रम संचालित न होने से उन्हें 35 किमी दूर एसएसजे परिसर के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई बार यहां भी सीट भर जाती है जिससे विद्यार्थी प्रवेश से वंचित हो जाते हैं।

गरीब विद्यार्थियों की छूट जाती है पढ़ाई
अल्मोड़ा। आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए अल्मोड़ा या फिर अन्य शहरों में कमरा किराये पर लेकर पढ़ाई करना मुमकिन नहीं होता है। ऐसी स्थिति में या तो वह कला वर्ग की पढ़ाई करने को मजबूर होते हैं या फिर उनकी पढ़ाई छूट जाती हैं।

कोट
महाविद्यालय में बीए की कक्षाएं संचालित होती है। बीकॉम, एमए, एमकॉम, एमएससी पाठ्यक्रमों को स्वीकृति शासन से ही संभव है। – डॉ. उषा रानी, प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा।

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