हरिद्वार में दिन-दहाड़े डाली गई डकैती का संबंध पंजाब और दिल्ली में सक्रिय कराटे गैंग से है। सभी बदमाश कराटे गैंग के सदस्य हैं। इसका मुख्य सरगना दिल्ली का रहने वाला सुभाष है, जबकि रविवार रात को पुलिस की गोली से मारा गए सतेंद्र पाल को सुभाष ने पंजाब रीजन का मुखिया बनाया था।उसकी अगुवाई में इस गैंग ने हिमाचल और पंजाब में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। यह गैंग भी गोल्ड लोन कंपनियों में लूट डकैतियों में माहिर रहा है। पिछले साल नौ नवंबर को रिलायंस ज्वेल्स के यहां हुई डकैती के बाद एक सितंबर को हरिद्वार में हुआ यह कांड सबसे बड़ा था।घटना को लेकर पुलिस ने शुरुआत से ही ऐसे गैंग के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। शुरुआती पड़ताल में गैंग का पंजाब और इसके आसपास का होना सामने आया। इस बीच पिछले दिनों पुलिस को पता चला कि यह काम पंजाब और दिल्ली में सक्रिय कराटे गैंग का है। अपराध करने के तरीके भी कई जगहों से मेल खा रहे थे।
इसी तरह से इस गैंग के बदमाशों ने ऊना में एक गोल्ड लोन कंपनी के ऑफिस में करोड़ों की डकैती को घटना को अंजाम दिया था।पता चला कि इस गैंग का सरगना सुभाष निवासी दिल्ली है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और अन्य राज्यों से मिली जानकारी के आधार पर कराटे गैंग का नाम स्पष्ट हो गया।सुभाष एक सितंबर को खुद अपने गुर्गों के साथ पहुंचा था। जांच में पता चला कि सुभाष ने पंजाब और हिमाचल राज्यों के लिए सतेंद्र पाल को मुखिया बनाया था। सतेंद्र की अगुवाई में ही ऊना में लूट की घटना को अंजाम दिया गया था।इसके साथ ही जांच में पता चला कि इस गैंग ने दिल्ली में भी 51 लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया था। इस गैंग में ज्यादातर सदस्य पंजाब के रहने वाले हैं। हरिद्वार में भी कुल पांच बदमाशों में से चार मुक्तसर पंजाब के ही बताए जा रहे हैं।