कालसी थाना क्षेत्र के भराया गांव में एक घर के कमरे में व्यक्ति का शव मिला। उसका गला रेता हुआ था। परिजनों का दावा है कि व्यक्ति ने आत्महत्या की है। लेकिन, पुलिस को घटनास्थल से गला रेतने के लिए प्रयोग किया गया धारदार हथियार नहीं मिला। कमरे को पुलिस के आने से पहले ही धो दिया गया था। मृतक के गले पर छह इंच लंबे और दो इंच गहरे घाव के निशान हैं। पुलिस हत्या के एंगल से मामले की जांच कर रही है।पुलिस को दी जानकारी में परिजनों ने बताया कि भराया गांव निवासी हृदय प्रकाश (55) अपने भाई महेंद्र प्रकाश के साथ गांव में रहते थे। शुक्रवार को हृदय प्रकाश अपने कमरे थे। इस दौरान भाई महेंद्र प्रकाश ने कमरे के दरवाजे से खून बहकर बाहर आते देखा। उन्होंने दरवाजे को खोलने का प्रयास किया, लेकिन भीतर से बंद था। उन्होंने दरवाजे को जोर से धक्का देकर खोला तो देखा कि भीतर हृदय प्रकाश का गला रेता हुआ था।
महेंद्र प्रकाश ने मृतक के बेटे दिनेश प्रकाश को घटना की सूचना दी। दोनों ने शव को हरबर्टपुर स्थित लेहमन अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने बताया कि काफी देर पहले व्यक्ति की मौत हो चुकी है। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने कालसी थाना पुलिस को घटना की सूचना दी। कालसी थाना प्रभारी भुवन चंद्र पुजारी पुलिस के साथ अस्पताल पहुंचे। मृतक का पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम भेज दिया। उसके पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। एफएसएल टीम मौके से साक्ष्य और सैंपल एकत्र किए। थाना प्रभारी ने बताया कि घटनास्थल पर गला रेतने के लिए प्रयोग किया गया धारदार हथियार नहीं मिला। कमरे को पुलिस के आने से पहले ही धोकर साफ कर दिया गया था। बताया कि आत्महत्या के प्रयास में गले पर स्वयं इतना बड़ा चीरा लगाना संभव नहीं था। बताया कि शरीर पर भी कुछ निशान मिले हैं। उन्होंने बताया कि मृतक के तीन पुत्र और दो पुत्रियां है। मृतक गांव में अपने भाई के साथ रहता था। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में भाई की भूमिका संदेह के घेरे में है। लेकिन, सभी परिजनों और ग्रामीणों के बयान एक जैसे हैं। उन्होंने बताया कि हत्या के एंगल से मामले की जांच की जा रही है।







