दून अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों की टीबी जांच बढ़ाई जाएगी। टीबी के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों में भी पांच फीसदी की टीबी जांच की जाएगी। टीबी व टीबी के लक्षण वाले मरीजों को जल्द इलाज देने के लिए पर्चे पर फास्ट ट्रैक लिखा जाएगा। इनके लिए अलग से रजिस्ट्रेशन और बिलिंग काउंटर भी बनाया जाएगा। इसके लिए दून अस्पताल के एमएस व टीबी एंड चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुराग अग्रवाल ने प्लान बनाया है। डॉ. अनुराग ने बताया कि टीबी मुक्त भारत बनाने के अभियान को और तेज करना है। अस्पताल में टीबी के मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों में अगर खांसी या टीबी जैसे अन्य लक्षण लगते हैं तो टीबी की जांच की जाएगी। इसके अलावा टीबी के मरीज या टीबी के लक्षण वाले मरीजों को एक्स-रे के लिए इंतजार न करना पड़े, इसके लिए पर्चे पर फास्ट ट्रैक लिखा जाएगा। टीबी मरीजों के भीड़ में जाने से संक्रमण का खतरा फैल सकता है। मरीजों के हिसाब से पर्चे में अलग-अलग तरह के स्टाम्प लगाए जाएंगे।
2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना लक्ष्य
डॉ. अनुराग ने बताया कि टीबी स्टेट टास्क फोर्स और जोनल टास्क फोर्स की बैठक की जा चुकी है। साथ ही दो बार कोर कमेटी की बैठक भी हुई है। इसमें चर्चा हुई कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना है। निर्णय लिया गया है कि अबतक अस्पताल में जो अन्य बीमारियों के मरीज आ रहे थे, इनमें ढाई से तीन फीसदी मरीजों की टीबी जांच होती थी। अब पांच फीसदी करनी है। पहले संख्या 50 से 60 रहती थी, लेकिन अब 150 का लक्ष्य रखा गया है।