Wednesday, November 5, 2025
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आंदोलन की चेतावनी प्रधानाचार्य के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती के विरोध में आए शिक्षक

प्रधानाचार्य के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती का राजकीय शिक्षक संघ ने विरोध किया है। संगठन ने कैबिनेट फैसले के बाद विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मिलकर नाराजगी जताई। संगठन ने कहा कि पदोन्नति के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती हजारों शिक्षकों के साथ अन्याय है। शिक्षा मंत्री से उनके आवास पर मिले राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्युली ने कहा कि चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। शिक्षकों को इस तरह की नियमावली कतई मंजूर नहीं है। जिससे हजारों शिक्षकों का अहित हो रहा है। शिक्षक पिछले कई वर्षों से पदोन्नति की आस लगाए हैं। उनकी पदोन्नति न कर उन्हें जहां एक ही पद से सेवानिवृत्त किया जा रहा है। पदोन्नति के पदों को विभागीय सीधी भर्ती से भरा जा रहा है।

शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री ने कहा कि यूपी के समय से प्रधानाचार्य का पद पदोन्नति का पद रहा है। वर्ष 2008 तक सहायक अध्यापक एलटी पदोन्नति पाकर जिला शिक्षा अधिकारी तक बनते रहे हैं। एक मार्च 2009 को अकादमिक और प्रशासनिक अलग-अलग कैडर किए जाने की सिफारिश की गई। जबकि वर्ष 2011 में इसकी नियमावली बनी। सरकार के इस फैसले से अधिकतर शिक्षकों के हितों की अनदेखी हो रही है। सीधी भर्ती का संगठन विरोध करता है। प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के पदों पर शत प्रतिशत पदोन्नति न की गई तो संगठन एक बार फिर आंदोलन करेगा। – राम सिंह चौहान, प्रांतीय अध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ

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