ऋषिकेश, 20 नवंबर 2024: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल), एक प्रमुख केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसयू), ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कंपनी ने देश के पहले वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) की 250 मेगावाट की प्रथम इकाई को सफलतापूर्वक राष्ट्रीय ग्रिड से सिंक्रोनाइज कर लिया। यह ऐतिहासिक उपलब्धि 19 नवंबर 2024 को शाम 5:50 बजे हासिल की गई।
सिंक्रोनाइजेशन का महत्व:
यह परियोजना न केवल भारत की ऊर्जा क्षमता को मजबूत करती है बल्कि देश के नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स का यह पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) 1000 मेगावाट की कुल क्षमता वाला देश का सबसे बड़ा और पहला ऐसा संयंत्र है, जिसे किसी सीपीएसयू द्वारा विकसित किया गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति:
इस उपलब्धि के साक्षी बनने के लिए टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर. के. विश्नोई मौके पर उपस्थित थे। वहीं, भारत सरकार के विद्युत सचिव श्री पंकज अग्रवाल और एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री गुरदीप सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया। श्री अग्रवाल ने इस अवसर पर पीएसपी टीम को बधाई देते हुए उनके समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की।
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का वक्तव्य:
श्री आर. के. विश्नोई ने कहा, “यह उपलब्धि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य को सुदृढ़ करने और ग्रिड स्थिरता में सुधार करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स के माध्यम से हम एक सतत और लचीले ऊर्जा भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।”
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की टिप्पणियां:
- श्री गुरदीप सिंह (एनटीपीसी): उन्होंने पीएसपी टीम के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह परियोजना अन्य सार्वजनिक उपक्रमों को पंप स्टोरेज परियोजनाओं में कदम रखने के लिए प्रेरित करेगी।
- श्री शैलेन्द्र सिंह (निदेशक, कार्मिक): उन्होंने इस परियोजना को भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया।
- श्री भूपेंद्र गुप्ता (निदेशक, तकनीकी): उन्होंने तकनीकी चुनौतियों पर विजय पाने में टीम के प्रयासों को सराहा और इसे टीएचडीसीआईएल की क्षमता का परिचायक बताया।
- श्री सिपन कुमार गर्ग (निदेशक, वित्त): उन्होंने इस उपलब्धि को न केवल तकनीकी बल्कि वित्तीय दृष्टिकोण से भी एक बड़ी सफलता बताया।
सहयोगी भागीदारों और तकनीकी विशेषज्ञों का योगदान:
कार्यपालक निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) श्री एल. पी. जोशी ने परियोजना में सहयोगी भागीदारों मेसर्स जीईपीआईएल और मेसर्स एचसीसी के योगदान की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि यह केवल शुरुआत है, और अब यूनिट के वाणिज्यिक परिचालन को शीघ्र सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी।
उल्लेखनीय उपस्थिति:
इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के वरिष्ठ अधिकारी, कंसोर्टियम भागीदार, और परियोजना सलाहकार मेसर्स ट्रैक्टबेल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
भविष्य की योजनाएं:
यह परियोजना टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स की 2400 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता को पूर्ण रूप से संचालित करने के लिए एक निर्णायक कदम है। यह उपलब्धि न केवल ग्रिड स्थिरता को बढ़ाएगी बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।