Tuesday, September 23, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डदुख के साथ दे गया सीख भी हादसा जिसने झकझोर दिया देश

दुख के साथ दे गया सीख भी हादसा जिसने झकझोर दिया देश

11-12 नवंबर की दरम्यानी रात ओएनजीसी हादसा बीते साल राजधानी देहरादून के लिए किसी सदमे से कम न था। इस हादसे ने न सिर्फ देहरादून को झकझोरा बल्कि पूरे देश में रफ्तार भयावहता को बता दिया। गम सीधे तौर पर तो छह परिवारों में था लेकिन उस सुबह रोया पूरा देहरादून था। हादसे के बाद पुलिस प्रशासन ने तमाम कदम उठाए ही साथ ही साथ अभिभावक भी बच्चों की परवरिश पर चर्चा करते दिखे। सोशल मीडिया पर बदलाव की एक बयार दिखी। साल 2024 इस हादसे का गम लेकर चला गया और आगे क्या सीख मिलेगी ये 2025 पर छोड़ दिया।

हादसे के बाद क्या कुछ बदला
शहर भर में यातायात सुधार को लेकर कई प्रयास किए गए।
चौक-चौराहों पर रफ्तार को काबू करने को स्पीड ब्रेकर बने।
चौराहों पर सिग्नल 12 घंटे तक चालू रखने का निर्णय लिया गया।
विभिन्न चेकपोस्ट पर ड्रंक एंड ड्राइव को लेकर अभियान चले।

8000 से ज्यादा अभिभावकों को पुलिस ने चेताया
हादसे के बाद पुलिस ने जब सख्ती शुरू की तो अभिभावकों को भी इस मुहिम में शामिल किया। पुलिस ने दिसंबर माह की शुरुआत में अभियान चलाया जिसमें नियम तोड़ने पर युवाओं के अभिभावकों को भी चेताया गया। अभियान की शुरुआत खुद एसएसपी अजय सिंह ने की और अब तक सभी थाना क्षेत्रों में 8000 से अधिक अभिभावकों से पुलिस ने बात की। अभिभावकों और युवाओं को शपथ भी दिलाई गई। इस दौरान एक हजार से ज्यादा वाहनों को नियमों के उल्लंघन में सीज किया गया।

एसआई मिथुन को गोली लगी पुलिस ने बदला ढर्रा
22 जनवरी को मसूरी में एसआई मिथुन को दबिश के दौरान गोली लगी। गनीमत रही कि मिथुन कुमार की जान बच गई। लेकिन, यह घटना पुलिस के लिए भी सीख बनी। बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के दबिश पहुंचे मिथुन कुमार को बदमाश ने गोली मारी थी। पता चला कि आनन-फानन में मिथुन अपनी टीम के साथ मसूरी पहुंचे थे। ऐसे में वह पुलिस लाइन से बुलेटप्रूफ जैकेट जारी नहीं करा सके। जब घटना हुई तो पुलिस को इस ढर्रे को बदलना पड़ा। तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था ने निर्देश दिए कि हर थाने में अब बुलेटप्रूफ जैकेटों को रखा जाएगा। इसके अलावा भी पुलिसकर्मियों को असलहों से लैस होकर ही दबिश पर जाने के निर्देश दिए गए।

जब सड़कों पर आ गया देहरादून
17-18 जून की दरम्यानी रात रायपुर के डोभाल चौक पर दीपक बडोला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद स्थानीय लोग इस कदर गुस्सा हुए कि सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए। कई दिनों तक सड़कों से लेकर सरकारी दफ्तरों में लोगों की भीड़ जमा रही। नतीजा यह हुआ कि पुलिस ने न सिर्फ बदमाशों को पकड़ा बल्कि आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलाया। पुलिस ने घटना के बाद पूरे शहर में सत्यापन अभियान चलाया। हजारों संदिग्ध लोगों से पूछताछ हुई। हजारों के चालान भी किए गए।

राजू आया दून दे गया सीख आसानी से न करें विश्वास
30 जून को खुद का नाम राजू बताते हुए एक युवक देहरादून आया। बताया कि वह डेढ़ दशक पहले अपने घर से लापता हो गया था। मीडिया की मदद से पुलिस ने उसे उसके कथित घरवालों के पास पहुंचाया। लेकिन, पांच माह बाद ही कहानी बदल गई। इसी तरह की एक कहानी को लेकर वह गाजियाबाद पहुंच गया। लेकिन, गाजियाबाद पुलिस को जब उसकी देहरादून की कहानी पता चली तो तफ्तीश आगे बढ़ाई। पता चला कि राजू राजू है ही नहीं उसका तो असल नाम कुछ और है। मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला यह युवक चोरी की आदत के चलते घर से निकाला गया। इसके बाद उसने एक कहानी गढ़ी जिससे उसने देशभर में नौ परिवारों को धोखा दिया। एक तरह से इन सभी परिवारों के विश्वास को ठगा।

बुजुर्गों की सुरक्षा की चिंता बढ़ा गई अशोक गर्ग की हत्या
वसंत विहार के अलकनंदा एन्क्लेव में ओएनजीसी के पूर्व इंजीनियर अशोक कुमार गर्ग की बेरहमी से हत्या कर दी गई। गर्ग घर में अकेले रहते थे। उन्हें मकान का पिछला हिस्सा किराए पर देना था। इसी बात का फायदा उठाते हुए दो युवक अंदर घुसे और लूट के इरादे से उनकी हत्या कर दी। उनकी हत्या के बाद एक बार फिर से देहरादून में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी। पुलिस ने भी बारी-बारी से जाकर ऐसे बुजुर्गों से संवाद किया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments