उत्तराखंड बार काउंसिल चुनाव समिति ने पूर्व में निर्धारित चुनाव चार फरवरी तिथि को बदलते हुए 17 फरवरी को मतदान का निर्णय लिया है।30 दिसंबर 2025 को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चुनाव समिति की वर्चुअल बैठक में समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में जस्टिस कुलदीप सिंह और न्यायमूर्ति यूस ध्यानी मौजूद थे। उत्तराखंड बार काउंसिल के चुनाव के लिए गठित हाईपावर कमेटी को उत्तराखंड बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत, महासचिव सौरभ अधिकारी सहित समस्त कार्यकारिणी, बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन डा. महेंद्र पाल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव विकास बहुगुणा सहित विभिन्न बार एसोसिएशनों ने चुनाव स्थगित करने के लिए प्रत्यावेदन भेजा था। जिसमें कहा था कि पहाड़ी क्षेत्रों और उच्च न्यायालय में होने वाला शीतकालीन अवकाश है। पूर्व सचिव विकास बहुगुणा ने सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया था। समिति से राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और कड़ाके की ठंड को देखते हुए अधिवक्ताओं ने चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी ताकि अधिक से अधिक सदस्य मतदान में भाग ले सकें।
अदालतों के अवकाश कलैंडर के अनुसार, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी और नैनीताल (हल्द्वानी और रामनगर को छोड़कर) सहित कई जिलों की सिविल कोर्ट दो जनवरी 2026 से 30 जनवरी 2026 तक बंद रहेंगी। इसके अतिरिक्त हाई कोर्ट में 11 जनवरी 2026 से आठ फरवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। अवकाश के कारण पूर्व में तय 4 फरवरी की तारीख को अनुपयुक्त माना गया। समिति ने निर्णय लिया कि अब उत्तराखंड बार काउंसिल के चुनाव 17 फरवरी 2026 को आयोजित किए जाएंगे।समिति ने उत्तराखंड बार काउंसिल के सचिव को नई तिथि को एक परिशिष्ट के रूप में तुरंत अधिसूचित करने और इसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। मतदान की तिथि के अलावा पूरा चुनाव कार्यक्रम पूर्ववत बना रहेगा। चुनाव के बाद मतपत्रों को 19 फरवरी 2026 तक नैनीताल स्थित बार काउंसिल के कार्यालय में पहुंचाना अनिवार्य होगा। 20 फरवरी 2026 से मतों की गिनती का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस बदलाव से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले अधिवक्ताओं को मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा।बार काउंसिल के चेयरमैन राकेश गुप्ता ने चुनाव समिति के निर्णय को अधिवक्ताओं के व्यापक हित में बताया है। हाईपावर कमेटी के इस निर्णय का हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष डीसीएस रावत, महासचिव सौरभ अधिकारी, सुशील वशिष्ठ, पूर्व सचिव विकास बहुगुणा आदि ने स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया है।







