बस्ती के लालगंज थानाक्षेत्र की पांच वर्ष की मासूम के साथ हैवानियत करने वालों का तीसरे दिन भी पता नहीं चल पाया। पुलिस की पांच टीमें घटना स्थल से लेकर आसपास के गांवों का चप्पा-चप्पा छान रही है। संदेह के आधार पर तीन दर्जन से ज्यादा से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। मगर कहीं से कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पहले से दर्ज अपहरण करके हत्या के केस में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी है।रविवार को दोपहर से लापता लालगंज थानाक्षेत्र के सिद्धनाथ गांव की पांच वर्षीय मासूम का आधी रात को घर से तीन सौ मीटर दूर कब्रिस्तान के पास शव मिला। शुरुआत में ऐसा लगा कि किसी-तंत्रमंत्र करने वाले ने उसकी हत्या की होगी, मगर सोमवार को देर शाम पोस्टमार्टम में हैवानियत की बात भी सामने आई। दरिंदों ने उसके साथ न केवल दुष्कर्म किया था बल्कि उसके दोनों हाथ भी तोड़ डाले थे। एसपी अभिनंदन चार सीओ, छह थानेदार व अन्य फोर्स लेकर लगातार छानबीन करते रहे।एएसपी ओपी सिंह ने बताया कि पुलिस बेहद गंभीरता से छानबीन कर रही है। टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। जल्द केस का खुलासा करने का प्रयास किया जा रहा है।
आसपास के लोगों पर शक
मासूम का शव घर से महज तीन सौ मीटर दूर मिलने से कई तरह के संकेत पुलिस को मिल रहे हैं। पुलिस को संदेह है कि मासूम के गांव या घर के आसपास के किसी शख्स की करतूत हो सकती है। गांव के लोगों का भी यही कहना है कि कोई बाहरी आकर ऐसा कृत्य नहीं कर सकता है। दूर का व्यक्ति अगर ऐसा करेगा तो शव को घर के पास लाकर नहीं छोड़ेगा। पुलिस को भी कब्रिस्तान के इर्द-गिर्द घटना होने का शक है।
ग्रामीणों में दहशत
वीभत्स घटना के बाद पुलिस किसी भी कीमत पर दरिंदे को सामने लाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। गांव के 30 से अधिक संदिग्ध हिरासत में लिए गए हैं। पुलिस लगातार दबिश दे रही है। इसे लेकर ग्रामीणों में डर व्याप्त हो गया है। लोगों का कहना है कि घटना को किसी एक या दो ने किया होगा, लेकिन पूरे गांव के लोगों को पुलिस तंग कर रही है। गांव के एक लड़के की परीक्षा थी और एक की दो दिन पहले ही शादी हुई है। उनके परिवार के लोगों में पुलिस के प्रति गुस्सा भी है।
यह था पूरा मामला
घाघरा खरीदवाने के लिए दादी को ढूंढ़ने निकली थी मासूम रविवार को दोपहर मासूम के गांव में रेडीमेड कपड़े बेचने एक फेरी वाला आया था। मासूम के पिता ने भी अपने लिए बनियान खरीदी। मोहल्ले के कुछ बच्चे फ्रॉक और घाघरा खरीद रहे थे। मासूम ने भी अपने पिता से घाघरा खरीदने के लिए कहा। उसके पिता ने कहा कि जाओ दादी को ढूंढ़कर लाओ, वह अगर पैसा दे देंगी तो तुम्हारे लिए घाघरा खरीद दूंगा। मासूम दौड़ते हुए गांव में दादी को ढूंढ़ने निकली मगर लौटकर नहीं आई। मासूम के पिता ने बताया कि उसकी बेटी का गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक में इसी साल दाखिला हुआ था। पिता के मुताबिक, उसकी दोनों किडनी खराब है और चिकित्सालय संतकबीरनगर से उसका इलाज चल रहा है। मृतका का एक बड़ा भाई सात वर्ष का और छोटी बहन छह माह की है। मां ही पूरे परिवार की देखभाल करती हैं। पिता की बीमारी और परिवार चलाने के लिए रुपयों का इंतजाम बड़ी मुश्किल से हो पाता है। इसलिए घर की माली हालत बेहद खराब है। तबीयत ठीक रहती थी तो पिता मेहनत मजदूरी कर लेता था। मगर, किडनी की बीमारी से वह भी लाचार होकर घर बैठा है।मासूम के माता-पिता एक ही बात बार-बार दोहरा रही है कि आखिर बच्ची ने किसी का क्या बिगाड़ा था। वह पुलिस से जल्द ही हत्यारोपी को गिरफ्तार करने की मांग कर रहा है। गांव के लोग भी घटना से बेहद आहत हैं। पूरे क्षेत्र में घटना की चर्चा हो रही है।
बेरहमी से हुआ मासूम का कत्ल
जिला महिला अस्पताल की एक महिला डॉक्टर सहित तीन डॉक्टरों के पैनल ने मासूम का पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट में अत्यंत बेरहमी से उसकी हत्या की बात बताई जा रही है। उसके साथ दरिंदगी की भी आशंका जताई गई है। इसकी पुष्टि के लिए आवश्यक नमूने सुरक्षित किए गए हैं। हत्यारों के वहशीपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मासूम के दोनों हाथ मरोड़कर तोड़ दिए गए थे। सिर पर लगी चोट से जाहिर हुआ कि उसे उठाकर पटका गया था। इसके बाद रस्सी से गला कसकर मौत के घाट उतारा गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को बक्सरी घाट के पास पुलिस बल की मौजूदगी में मिट्टी में दफना दिया गया।